आज हम बात करेंगे एनीमिया रोग की, इसकी रोकथाम के लिए भारतीय शोधकर्ताओं ने अब मॉश्चराइज़िंग लोशन और क्रीम के रूप में इसका बेहतर विकल्प विकसित किया है। महिलाओं में होने वाले रोग एनीमिया को हिंदी में खून की कमी कहा जाता है। खून की कमी होने से शरीर में अनेकों रोग होने लगते है।
भारत में करीब 50 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया की कमी का शिकार हैं, ख़ासकर गर्भावस्था के दौरान महिलाएं और नवजात शिशु एनीमिया के सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। इसके अलावा भी कई तरह के पोषक तत्वों की कमी भारत की मृत्युदर के ग्राफ को बढ़ाती है। हालांकि शरीर में हीमोग्लोबीन या विटामिन्स की कमी को दूर करने के लिए कई तरह के सप्लीमेंट्स मौजूद हैं। लेकिन इन दवाओं का नियमित सेवन मुश्किल होता है साथ ही सबके लिए ये उपलब्ध भी नहीं हो पातीं। भारतीय शोधकर्ताओं ने अब मॉश्चराइज़िंग लोशन और क्रीम के रूप में इसका बेहतर विकल्प विकसित किया है।
पीफ़िज़र और आईआईटी दिल्ली के संयुक्त नवाचार कार्यक्रम के सहयोग से एक स्टार्टअप द्वारा ये ख़ास मॉश्चराइज़िंग लोशन और फेस-क्रीम 15 से 49 साल तक की महिलाओं को ध्यान में रख कर तैयार की गई है। जिसका असर त्वचा से इंसान के रक्त तक पहुंचता है। ये लोशन महिलाओं के शरीर में बी-12, फॉलिक एसिड, विटामिन-डी और आयरन जैसे पोषक तत्वों की कमी को पूरा करेगा।
फ़िलहाल ये मॉश्चराइज़िंग लोशन प्री क्लीनिकल परीक्षण किया जा रहा है। जिसके बाद भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग और बिल एवं मिलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों के अंतर्गत आशा, एएनएम और एडब्लूएन कार्यकर्ताओं के सहयोग से इस उत्पाद को ग्रामीण महिलाओं तक पहुंचाया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इस लोशन के इस्तेमाल से भारतीय महिलाओं में काफ़ी हद तक एनीमिया की समस्या दूर हो सकेगी।
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