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बिजली से ग्रीन हाऊस गैसों का उत्सर्जन होगा कम, नवीन ऊर्जा के बढ़ते उपयोग से कामयाबी

पहली बार इस साल बिजली उत्पादन के लिए कोयला और दूसरे जीवाश्म ईंधनों के इस्तेमाल में कमी आने की संभावना है। नई रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है। इसे बिगड़ते जलवायु परिवर्तन के दौर में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

क्या है रिपोर्ट में

ये रिपोर्ट एम्बर कंपनी ने तैयार की है। इस तरह की ये चौथी सालाना रिपोर्ट है। रिपोर्ट का नाम ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू है। रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक मंदी या महामारी को छोड़ दें तो बिजली पैदा करने के लिए कोयले, तेल और गैस के उपयोग में यह पहली सालाना गिरावट होगी। इस तरह, ऊर्जा उत्पादन के दौरान ग्रीन हाउस गैसों का कम उतसर्जन होगा। रिपोर्ट के लेखक चीन की अगुवाई में नवीन ऊर्जा से उत्पादन में उछाल को इसका श्रेय देते हैं।

अब दुनिया भर में बिजली उत्पादन का 12 फीसदी पवन और सौर ऊर्जा से आता है।

पवन और सौर अब 12% वैश्विक बिजली का उत्पादन करते हैं, 2022 में लगभग पूरे यूके को बिजली देने के लिए पर्याप्त पवन टर्बाइन जोड़े गए हैं। नवीन ऊर्जा इस साल मांग में सभी वृद्धि को पूरा करने के लिए तैयार है

बिजली से ग्रीन हाउस गैसों का बहुत ज्यादा उत्सर्जन

बिजली बनाने का वैश्विक जलवायु परिवर्तन में सबसे बड़ा योगदान है। साल 2021 में कुल कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन का एक-तिहाई इस क्षेत्र में हुआ। इसलिए इस क्षेत्र में कोयले, तेल और गैस को चरणबद्ध तरीके से खत्म करना दुनिया को जलवायु परिवर्तन के खतरनाक स्तर से बचाने के लिए अहम माना जाता है।

बिजली के आर्थिक रूप से व्यवहार्य स्रोतों के रूप में सौर और पवन ऊर्जा का लगातार विकास हो रहा है। दुनिया भर में, सौर ऊर्जा में पिछले साल 24% की वृद्धि हुई, जो दक्षिण अफ्रीका जैसे बड़े देश की सालाना मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

परमाणु और पनबिजली के साथ मिलाकर, साफ स्रोतों ने 2022 में वैश्विक बिजली का 39% उत्पादन किया। रिपोर्ट में पाया गया है कि पिछले साल उत्पादित बिजली वास्तव में अब तक की सबसे साफ-सुथरी थी। लेकिन इसके बावजूद, इस क्षेत्र से कार्बन उत्सर्जन में भी वृद्धि जारी रही, क्योंकि कोयले का उपयोग बढ़ा। रिपोर्ट के लेखकों के अनुसार ऐसा इसलिए है क्योंकि बिजली की कुल मांग बढ़ी है और यह स्वच्छ स्रोतों से पूरी नहीं हुई थी।

साल 2022 में परमाणु और पनबिजली उत्पादन में भी समस्याएं थी। फ्रांस में कई रिएक्टर बंद थे और यूरोप की नदियों में पनबिजली उत्पादन के लिए कई जगहों पर पानी बहुत कम था। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में पवन और सौर ऊर्जा में वृद्धि मांग से अधिक होगी। इसी वजह से माना जा रहा है कि यह साल ऊर्जा उत्पादन के लिए जीवाश्म ईंधनों के अंत की शुरुआत होगा।

हालांकि इस साल बिजली बनाने के लिए जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल में गिरावट बहुत कम होने की उम्मीद है। यह गिरावट लगभग 0.3% होगी। लेकिन लेखकों का मानना है कि यह गिरावट जारी रहेगी और आने वाले सालों में इसमें तेजी आएगी।

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