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विज्ञान कांग्रेस: प्रधानमंत्री का विज्ञान के ज्ञान को उपयोगी बनाने पर जोर

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नागपुर में चल रही 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) को संबोधित किया। इस वर्ष के आईएससी का मुख्य विषय “महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी” है, जहां सतत विकास, महिला सशक्तिकरण और इसे प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के मुद्दों पर चर्चा की जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान के ज्ञान को उपयोगी यानी उसके एप्लीकेशन पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी वैज्ञानिक के लिए डेटा जुटाना और उसका विश्लेषण करना महत्वपूर्ण होता है। 21वीं सदी में हमारे पास दो चीजें बहुत हैं। डेटा औऱ टेक्नोलॉजी। उन्होंने कहा कि इन दोनों में भारत को नई बुलंदियों पर पहुंचाने की ताकत है।

देश की जरूरतों को पूरा करे वैज्ञानिक समुदाय

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आवश्यकता को पूरा करना वैज्ञानिक समुदाय की मूल प्रेरणा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से भारत के लोगों को फायदा होगा और कहीं न कहीं पूरी दुनिया को भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा जरूरतें बढ़ने वाली है और वैज्ञानिक समुदाय को इसे पूरा करने पर फोकस करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाइड्रोजन एनर्जी की अपार संभावनाओं को देखते हुए देश नेशनल हाइड्रोजन मिशन पर काम कर रहा है। इसे सफल बनाने के लिए इलेक्ट्रोलाइजर समेत जरूरी उपकरणों देश में ही बनाने की कोशिश होनी चाहिए।

बीमारियों से बचाने पर हो काम

प्रधानमंत्री के मुताबिक आज मानवता पर नई-नई बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। हमें नई वैक्सीन के लिए शोध और विकास को बढ़ावा देना होगा। जिस तरह हम आज बाढ़ और भूकंप जैसी त्रासदियों के लिए तैयार रहते हैं, उसी तरह हमें बीमारियों से निपटने के लिए भी व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने कहा कि साइंस कम्युनिटी को इस दिशा में काम करने की जरूरत है।

कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करें वैज्ञानिक

नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों से कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज म्युनिसिपल वेस्ट से लेकर इलेक्ट्रॉनिक कचरा का लगातार विस्तार हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम करना होगा, जिससे मेटल और प्लास्टिक स्क्रैप का बेहतर इस्तेमाल हो सके औऱ इनको उपयोगी बनाया जा सके।

कम कीमत वाले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल पर जोर

प्रधानमंत्री ने कम कीमत वाले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से जुड़ी रिसर्च को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज भारत स्पेस सेक्टर में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। कम कीमत वाले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से हमारी क्षमता बढ़ेगी और दुनिया हमारी सेवाएं लेने आगे आएगी। निजी कंपनियां और स्टार्ट अप इन अवसरों का फायदा उठा सकते हैं।

लीड लें भारतीय वैज्ञानिक

प्रधानमंत्री ने कहा कि साइंस में जो नई पहल करता है वही आगे बढ़ता है। उन्होंने वैज्ञानिकों से भविष्य के आइडिया पर काम करने को कहा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नए विषयों पर बात हो रही है। हमें इन्हें प्राथमिकता में रखना होगा। साथ ही सेमीकंडक्टर चिप्स मं भी नए इनोवेशन पर उन्होंने जोर दिया।

नागपुर में विज्ञान कांग्रेस का आयोजन

इस वर्ष के विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय “महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी” है। इस आयोजन के दौरान सतत विकास, महिला सशक्तिकरण और इसे प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। प्रतिभागी महिलाओं को एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) शिक्षा, अनुसंधान के अवसरों और आर्थिक भागीदारी तक समान पहुंच प्रदान करने के तरीके खोजने के प्रयासों के साथ-साथ शिक्षण, अनुसंधान और उद्योग के शीर्ष क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा और विचार-विमर्श करेंगे। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा,  जिसमें प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिकों के व्याख्यान भी होंगे।

आईएससी के साथ-साथ कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। बच्चों के बीच वैज्ञानिक रुचि और स्वभाव को प्रोत्साहित करने में मदद करने के लिए बाल विज्ञान कांग्रेस का भी आयोजन किया जाएगा। किसान विज्ञान कांग्रेस जैव-अर्थव्यवस्था में सुधार और युवाओं को कृषि के प्रति आकर्षित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी। जनजातीय विज्ञान कांग्रेस भी आयोजित की जाएगी, जो आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान देने के साथ-साथ स्वदेशी प्राचीन ज्ञान प्रणाली और परंपरा को वैज्ञानिक तरीके से दर्शाने के लिए एक मंच होगा।

पूर्ण सत्र में अंतरिक्ष, रक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और चिकित्सा अनुसंधान सहित विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों से विशेषज्ञ, प्रमुख भारतीय एवं विदेशी शोधकर्ता,  तथा प्रौद्योगिकीविद सम्मिलित होंगे।

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