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गगनयान मिशन के लिए क्रू रिकवरी प्लान तैयार

भारत के गगनयान मिशन की तैयारियां जोरों पर है। अब इसके लिए क्रू रिकवरी प्लान को आखिरी रूप दे दिया गया है। पिछले दिनों गगनयान रिकवरी ट्रेनिंग प्लान रिलीज किया गया। इसे कोच्चि में भारतीय नौसेना के आईएनएस गरुड़ पर स्थित वाटर सर्वाइवल ट्रेनिंग फैसिलिटी में जारी किया गया। इस मौके पर इसरो और नौसेना के कई अधिकारी मौजूद थे।

ट्रेनिंग के बारे में विस्तार से जानकारी

इस डॉक्यूमेंट में क्रू मॉड्यूल के लिए रिकवरी ट्रेनिंग प्लान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। यह रिकवरी ऑपरेशन में हिस्सा लेने वाली अलग-अलग टीमों जैसे मार्कोस, पैराजंपर, मेडिकल विशेषज्ञ, तकनीशियन आदि के प्रशिक्षण के संबंध में समग्र जरूरतों को परिभाषित करता है। रिकवरी प्रशिक्षण की योजना वृद्धिशील चरणों में मानव रहित रिकवरी से शुरू होकर बंदरगाह और खुले समुद्र की स्थिति में मानवयुक्त रिकवरी प्रशिक्षण तक है। अन्य समुद्री एजेंसियों के समन्वय में भारतीय नौसेना द्वारा क्रू दल मॉड्यूल के समग्र रिकवरी कामों का नेतृत्व किया जा रहा है।

क्रू मॉड्यूल रिकवरी मॉडल औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना को आईएनएस गरुड़ में जल जीवन रक्षा प्रशिक्षण सुविधा (WSTF) में सौंप दिया गया था। गगनयान रिकवरी टीमों को रिकवरी प्लान के जरूरी हिस्सों के बारे में बताने और प्रशिक्षण के लिए मास और शेप सिमुलेटेड मॉक-अप का उपयोग किया जाएगा। नए अवतार में यह वाटर फैसिलिटी अत्याधुनिक सुविधा से लैस है। यहां अत्यधिक योग्य गोताखोरों की एक टीम है, जो क्रू और रिकवरी टीम को प्रशिक्षित करने के लिए परीक्षणों की श्रृंखला और मानक संचालन प्रक्रियाओं को ठीक करने में इसरो की सहायता के लिए तैयार है।

क्या है गगनयान मिशन

इसरो की गगनयान परियोजना एक तरह से मानव अंतरिक्ष मिशन की तैयारी है। इसके तहत तीन सदस्यों वाले चालक दल को 400 किमी की कक्षा में 3 दिनों तक अंतरिक्ष में रखा जाएगा। इसके बाद उन्हें सुरक्षित रूप से भारतीय जल सीमा मे उतारा जाएगा। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के पास उपलब्ध अत्याधुनिक तकनीकों के साथ-साथ घरेलू विशेषज्ञता, भारतीय उद्योग के अनुभव, भारतीय शिक्षाविदों और अनुसंधान संस्थानों की बौद्धिक क्षमताओं का इस्तेमाल करके बेहतर रणनीति के माध्यम से परियोजना को पूरा किया जाएगा। गगनयान मिशन के लिए पूर्व-आवश्यकताओं में अंतरिक्ष में चालक दल को सुरक्षित रूप से ले जाने के लिए मानव रेटेड लॉन्च वाहन सहित कई महत्वपूर्ण तकनीकों का विकास, अंतरिक्ष में चालक दल को पृथ्वी जैसा वातावरण प्रदान करने के लिए लाइफ सपोर्ट सिस्टम, चालक दल के आपातकालीन बचाव प्रावधान और प्रशिक्षण के लिए चालक दल प्रबंधन पहलुओं को विकसित करना शामिल है।

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