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एनएचएआई ने पुलों और अन्य संरचनाओं की समीक्षा के लिए बनाया डिजाइन प्रभाग

पुलों, विशेष संरचनाओं और सुरंगों के डिजाइन एवं निर्माण की प्रभावी समीक्षा के लिए, एनएचएआई ने एक डिजाइन प्रभाग बनाया है। यह प्रभाग देश भर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर मौजूद पुलों, संरचनाओं, सुरंगों और आरई दीवारों की योजना, डिजाइन, निर्माण और रख-रखाव की नीति और दिशानिर्देश तैयार करेगा।

प्रभाग इस परियोजना की तैयारी, नए पुलों के निर्माण, स्थिति सर्वेक्षण और मौजूदा पुराने/संकटग्रस्त पुलों को फिर से बनाने, जोखिम वाले पुलों, संरचनाओं, सुरंगों और आरई दीवारों की स्थिति की समीक्षा करेगा। यह पुलों और विशेष संरचनाओं की स्वतंत्र होकर समीक्षा करेगा, जो डीपीआर चरण में हैं जहां डीपीआर जून 2023 के बाद शुरू होगा।

चयनित पुलों की होगी समीक्षा

इसके अलावा, प्रभाग रैंडम आधार पर 200 मीटर से अधिक की सीमा वाले चयनित पुलों और संरचनाओं के प्रीस्ट्रेसिंग तरीकों और निर्माण कार्यप्रणालियों, अस्थायी ढांचों, विकसित व उपयोग में आने वाले पुलों की भी समीक्षा करेगा।

इसके अलावा, वर्तमान परियोजनाओं में 200 मीटर से अधिक लंबे सभी पुलों/संरचनाओं के डिजाइन की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, 60 मीटर से अधिक सीमा के अन्य पुलों, 200 मीटर से अधिक लंबाई की संरचनाओं और सुरंगों, 10 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली आरई दीवारों और अन्य विशेष संरचनाओं के डिजाइन की रैंडम आधार पर समीक्षा की जाएगी।

डिज़ाइन समीक्षा करने के लिए, प्रभाग सलाहकारों, सलाहकार टीमों को नियुक्त करेगा जिनमें पुल डिज़ाइन विशेषज्ञ, सुरंग विशेषज्ञ, आरई दीवार विशेषज्ञ, जियोटेक विशेषज्ञ, मिट्टी/सामग्री परीक्षण प्रयोगशालाएं आदि शामिल होंगे। प्रभाग में आवश्यकतानुसार संरचनाओं की डिज़ाइन समीक्षा करने के लिए आईआईटी/एनआईटी से डिज़ाइन विशेषज्ञ/अनुसंधान विद्वान/पीजी छात्र भी शामिल होंगे।

इसके अलावा, प्रभाग इंडियन एकेडमी ऑफ हाईवे इंजीनियर्स (आईएएचई), नोएडा और भारतीय रेलवे सिविल इंजीनियरिंग संस्थान (आईआरआईसीईएल), पुणे के माध्यम से पुलों, सुरंगों और आरई दीवारों के डिजाइन, निर्माण, पर्यवेक्षण और रख-रखाव के विभिन्न पहलुओं पर एमओआरटीएच, एनएचएआई, एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों और ठेकेदारों/सलाहकारों के लिए प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम आयोजित करेगा।

पुलों और सुरंगों के बारे में जानकारी, ड्राइंग, संकटग्रस्त पुलों की पहचान के लिए डिजाइन प्रभाग द्वारा एक आईटी आधारित निगरानी प्रणाली विकसित की जाएगी और उनकी मरम्मत और निर्माण के लिए एक वार्षिक योजना भी प्रस्तावित की जाएगी। यह विस्तृत विश्लेषण के लिए पुलों, संरचनाओं, सुरंग और आरई दीवारों की खराबी के मामले में विशेषज्ञों की एक टीम भी नामित करेगा और भविष्य में ऐसी खराबियों को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा।

देश भर में बड़ी संख्या में राष्ट्रीय राजमार्ग बुनियादी ढांचे के विकास के कार्यान्वयन के साथ, डिजाइन प्रभाग पुलों और अन्य संकटपूर्ण संरचनाओं की डिजाइनिंग, प्रूफ चेकिंग और निर्माण के लिए संस्थानिक क्षमता बनाने में मदद करेगा।

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