भौतिकी के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गयी है। इस श्रेणी के लिए 2023 का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से पियरे एगोस्टिनी, फेरेन्क क्रॉस्ज और ऐनी एल’हुइलियर को दिया जाएगा। इन तीनों को इलेक्ट्रॉन्स पर अध्ययन के लिए संयुक्त रूप से इस सम्मान के लिए चुना गया है। यह पुरस्कार उन प्रायोगिक तरीकों के लिए दिया गया, जिसमें पदार्थ में इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता के अध्ययन के लिए प्रकाश के एटोसेकंड पल्स उत्पन्न किए गए। एनी हुलियर फिजिक्स के इस क्षेत्र में नोबेल जीतने वाली पांचवीं महिला बनी हैं।
इस बार भौतिकी का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन वैज्ञानिकों पियरे एगोस्टिनी, फेरेन्क क्रॉस्ज और ऐनी एल’हुइलियर को उनके अभूतपूर्व प्रयोगों के लिए संयुक्त रूप से दिया जा रहा है। इस पुरस्कार की औपचारिक घोषणा रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने कर दी है।
इन तीनों वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार उनके अनूठे प्रयागों के लिए दिया गया है, जो परमाणुओं और अणुओं के भीतर इलेक्ट्रॉनों की जांच करने के लिए शक्तिशाली उपकरण प्रदान करते हैं। पियरे एगोस्टिनी, फेरेन्क क्रॉस्ज और ऐनी एल’हुइलियर ने अपने प्रयोगों में दिखाया है कि प्रकाश की बेहद छोटी तरंगे कैसे उत्पन्न की जाती हैं। इसका उपयोग उन तीव्र प्रक्रियाओं को मापने के लिए किया जा सकता है, जिनमें इलेक्ट्रॉन गति करते हैं या ऊर्जा में परिवर्तित होते हैं।
देखा जाए तो हम इंसानों को तेजी से चलने वाली घटनाएं निरंतर चलती हुई प्रतीत होती है, ठीक उसी तरह जैसे अलग-अलग फ्रेमों में बनी कोई फिल्म निर्बाध गति से चलती दिखाई देती है। लेकिन वास्तव में उनमें संक्षिप्त घटनाएं होती हैं। ऐसे में अति-संक्षिप्त घटनाओं का पता लगाने के लिए, हमें उन्नत तकनीक की आवश्यकता होती है।
इलेक्ट्रॉनों की दुनिया में, ऐसे बदलाव मात्र एटोसेकंड के दसवें हिस्से के अंदर होते हैं। एक एटोसेकंड बेहद की कम समय होता है कि उसे इस तरह समझा जा सकता है कि ब्रह्मांड के शुरू होने के बाद से उसमें कितने सेकंड बदले हैं यह उनके जितना ही है।