#ScienceWeekly #May2019 #ScienceNewsInHindi
आज science weekly के इस भाग में हम आप के लिए मई 2019 में विज्ञान जगत से जुडी दूसरे हफ्ते की जानकारिया लाये है।
1) भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान दिल्ली (IIT Delhi) के शोधकर्ताओं ने 3D बायोप्रिंटिग द्वार मानव त्वचा का एक मॉडल तैयार करने में कामयाबी हासिल कर ली है| इस मॉडल के structural, mechanical और biochemical features एक दम हमारी त्वचा जैसे ही हैं| इसे India Tobacco Company Limited (ITC) द्वारा परखा जा चुका है| त्वचा के इस प्रिंट को कई तरह की cosmetics परिक्षणों के लिए उपयोग किया जाएगा और साथ ही ये मॉडल दवाईयों के परीक्षणों में जानवरों के इस्तमाल को ख़त्म करने में काफी मददगार साबित होगा|
2) मनुष्य द्वारा लगातार वनों, महासागरों, भूमि और वायु के दोहन के कारण आज लाखों जानवरों और पौधों की प्रजातियां एक साथ ख़तरे में आ गई हैं| एक रिपोर्ट में वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने चेतावनी देते हुए कहा कि दुनिया की लगभग 80 लाख जानवरों और पौधों की प्रजातियां आज विलुप्त होने की कगार पर आ पहुंची हैं|
3) क्या आप जानते हैं कि समुद्र के तल में गहन अंधकार के बीच भी कुछ मछलियां एक मील तक साफ़ देख सकती हैं| ये जानकारी दी है शोधकर्ताओं के एक दल ने, एक रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने 101 मछलियों की प्रजातियों के जीनोम का विश्लेषण किया था जिसमे उन्होंने पाया कि गहरे समुद्र में रहने वाली मछलियों के तीन प्रजातियां ऐसी हैं जो अँधेरे में भी colour vision रखती हैं| इन मछलियों में रोडोप्सिन को नियंत्रित करने वाले genes बड़ी मात्रा में मौजूद हैं जिस वजह से ये मछलियां अँधेरे में भी देखने की क्षमता रखती हैं|
4) Stephen Hawking जैसे एक भारतीय जीनियस विनायक श्रीधर (Vinayak Shridhar) का मार्च माह में देहांत हो गया। विनायक श्रीधर इस वर्ष सीबीएसई बोर्ड से दसवीं की परीक्षा दे रहे थे, तीन पेपर देने के बाद ही उनकी मृत्य हो गई| दसवीं के परिणाम से पता चला की उन्होने अंग्रेजी में 100 विज्ञान में 96 और संस्कृत में 97 अंक हासिल किए हैं| विनायक दो साल की उम्र से डुशेन मस्क्युलर डायस्ट्रोफी (DMD) जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त थे|
5) लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर प्रयोग को अब भारत में देखा जा सकता है| ब्रह्मांड की उत्तपत्ति का राज़ खोज रहे दुनिया के इस सबसे बड़े प्रयोग को समझाने के लिए एक प्रदर्शनी मुंबई पहुंच चुकी है| भारत में आयोजित पहले ग्लोबल मेगा साइंस इक्जिबिशन (Global Mega Science Exhibition) यानि विश्व महा विज्ञान समागम में विश्व की प्रमुख मेगा साइंस परियोजनाओं को प्रदर्शित किया जा रहा है| ये समागम 8 मई से नेहरू विज्ञान केंद्र वर्ली मुंबई में शुरू हो चुका है| ये प्रदर्शनी 11 महीने तक भारत में रहेगी जिसे मुंबई के बाद बेंगलुरू, कोलकाता, और दिल्ली में भी आयोजित किया जाएगा|
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