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चंद्रयान-3 की लैंडिंग कल, इसरो ने कहा सबकुछ उम्मीद के मुताबिक

पूरा देश चंद्रयान-3 के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग का इतंजार कर रहा है। ये लैंडिंग कल शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगी। इसरो के सभी सोशल मीडिया चैनल पर इस लैंडिंग के बारे में पल-पल की जानकारी मिलेगी। इसरो ने आज बताया कि लैंडिंग ऑपरेशन की लाइव प्रसारण कल शाम पांच बजकर 20 मिनट से शुरू होगा।

उत्साह और जोश से लबरेज

इस बीच, इसरो ने सोशल मीडिया पर चांद की कुछ बेहद खूबसूरत तस्वीरें जारी की हैं। ये तस्वीरें लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरे (LPDC) ने 19 अगस्त को खींची थी। इन्हें 70 किलोमीटर के एलटीट्यूड से लिया गया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने आगे बताया कि LPDC कैमरा लैंडर मॉड्यूल को इसकी पोजिशन तय करने में मदद करता है। इसे रेफ़रेंस मैप से मिलान किया जाता है और फिर लैंडर अपनी पोजिशन तय करता है।

इसरो ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मिशन (चंद्रयान-3) शेड्यूल के हिसाब से आगे बढ़ रहा है। पूरे सिस्टम की समय-समय पर जांच की जा रही है। बिना किसी रुकावट के सब काम अंजाम दिए जा रहे हैं। मिशन ऑपरेशन कॉम्पलैक्स (MOX) जोश और उत्साह से भरपूर है।”

23 अगस्त को लैंडिंग

वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ को मिशन के सफल होने की पूरी उम्मीद है। उन्होंने अखबार को बताया कि लैंडर 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग करेगा। उन्होंने कहा, “हमें पूरा भरोसा है। अब तक सभी काम उम्मीद के मुताबिक हुए हैं। यहां तक पहुँचने में हमें किसी भी आपात स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा है। हमने सभी तैयारियां की हैं और सभी सिस्टम ने हमारी उम्मीद के मुताबिक काम किया है।”

आपको बता दें कि साल 2019 तक 2023 तक चार देशों ने चांद के लिए अपने मिशन भेजे हैं। इनमें से तीन मिशन पूरे नहीं हो पाए। इनमें भारत का चंद्रयान-2 भी शामिल है। शनिवार को रूस का लूना-25 मिशन भी लैंडिंग से ठीक पहले क्रैश हो गया था।

सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से लैंडिंग मॉड्यूल को लिंक करने का काम भी पूरा हो गया है। चंद्रयान-2 2019 से ही चांद के चक्कर लगा रहा है। इससे इसरो को लैंडिंग मॉड्यूल तक पहुंचने का एक और रास्ता मिल गया है।

भारत का चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा से रवाना हुआ था। लेकिन इसरो के लिए असली काम सफल लैंडिंग के बाद शुरू होगा। तब रोवर का ऑपरेशन शुरू होगा और वो इसरो को चांद के दक्षिणी ध्रुव के बारे में कई अहम जानकारियां भेजेगा। लैंडिंग के बाद विक्रम लैंडर से एक रैंप बाहर आएगा। इससे छह पैरों वाला रोवर प्रज्ञान बाहर निकलेगा। इस पर भारत का तिरंगा और इसरो का लोगो लगा हुआ है।

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