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सीएसआईआर-एनपीएल का “वन वीक, वन लैब” कार्यक्रम शुरू, स्टार्ट-अप के लिए युवा पोर्टल का उद्घाटन

सीएसआईआर-एनपीएल का “वन-वीक, वन लैब” कार्यक्रम आज से शुरू हो गया। इसके तहत विज्ञान के क्षेत्र में संस्थान की ओर से किए जा रहे कामों से लोग रू-ब-रू हो सकेंगे। कार्यक्रम का उद्घाटन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया। इस मौके पर उन्होंन कहा कि ये कार्यक्रम नए स्टार्ट-अप को पहचानने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि जब तक हितधारकों खासकर उद्योगों की भागीदारी व्यापक नहीं होगी, तब तक स्टार्टअप टिकाऊ नहीं रह सकते हैं। इस मौके पर उन्होंने “युवा पोर्टल” का उद्घाटन भी किया जो युवा स्टार्ट-अप को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ाने में मददगार होगा।

इस मौके पर सीएसआईआर–एनपीएल के निदेशक प्रोफेसर वेणुगोपाल आचंटा ने कहा, “इस कार्यक्रम का उद्देश्य संभावित हितधारकों के बीच एनपीएल में उपलब्ध प्रौद्योगिकी और सेवाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है। इससे सामाजिक समस्याओं के समाधान में मदद मिलेगी और सटीक माप के महत्व के बारे में जनता को जागरूक किया जा सकेगा। इससे जनता खासकर देश के भविष्य छात्रों के बीच वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करने में भी मदद मिलेगी।

ये कार्यक्रम होंगे आयोजित

सीएसआईआर-एनपीएल के “वन वीक, वन लैब” कार्यक्रम में कई अलग-अलग गतिविधियां शामिल हैं। पहले दिन स्कूल/कॉलेज के छात्रों के साथ बातचीत हुई। कार्यक्रम में दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने हिस्सा लिया।

18 से 20 अप्रैल तक तीन दिन का स्टार्ट-अप/एमएसएमई/इंडस्ट्री मीट होगी। इस आयोजन का उद्देश्य एनपीएल की ओर से उद्योगों को दी जा रही अलग-अलग सेवाओं का प्रदर्शन करना है। इस आयोजन में, सभी हितधारकों को आमंत्रित किया गया है, जिन्हें एनपीएल ने तकनीकी सहायता/परामर्श/सेवा प्रदान की है। आयोजन के दौरान प्रत्येक दिन लगभग 20 से अधिक उद्योग शामिल होंगे। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और विकास के लिए चार नए उद्योग भागीदारों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

19 अप्रैल को मापिकी/मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा। जहां सीएसआईआर-एनपीएल में मापिकी में नवोन्नति (Advances in Metrology) पर एक पॉकेट बुकलेट जारी की जाएगी। 20 अप्रैल को विज्ञान, प्रौद्यौगिकी, इंजीनियरिंग व मेडिकल (एसटीईएम) में महिलाएं और अनुसंधान एवं विकास कॉन्क्लेव आयोजित करने की योजना है, जहां एनपीएल परिवार के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और पूर्व छात्र अपने विचार साझा करेंगे।

21 अप्रैल को एक दिन के स्किल कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा। कॉन्क्लेव का मुख्य फोकस सीएसआईआर-एनपीएल के कौशल कार्यक्रम के बारे में जनता को जागरूक/शिक्षित करना है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में “वन वीक, वन लैब” नामक अनूठे अभियान की घोषणा की थी। जिसमें वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की सभी प्रयोगशालाएं न केवल अपनी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करने के लिए आमजन तक पहुंचेंगी, बल्कि डीप टेक वेंचर्स के माध्यम से अवसरों की तलाश करने के लिए युवा इनोवेटर, छात्रों, स्टार्ट-अप, शिक्षाविदों और उद्योग जगत को प्रेरित करेगी।

सीएसआईआर-एनपीएल ने किए हैं कई ऐतिहासिक काम

सीएसआईआर-एनपीएल भारतीय मानक समय (आईएसटी) का संरक्षक है। यह सीज़ियम परमाणु घड़ियों और हाइड्रोजन मेसर से युक्त परमाणु टाइमस्केल का उपयोग करके उत्पन्न होता है। इतना ही नहीं, आईएसटी को अत्यंत सटीक उपग्रह लिंक का उपयोग करके अंतरराष्ट्रीय संदर्भ समय यूटीसी (समन्वित यूनिवर्सल टाइम) के कुछ नैनोसेकंड के भीतर पता लगाने योग्य रखा जाता है। सीएसआईआर-एनपीएल वायुमंडल में प्रदूषण की निगरानी के लिए गैस और वायुजनित कणों के मापन को मानकीकृत भी करता है? इसके अलावा मताधिकार का प्रयोग करने वाले मतदाताओं को चिहिन्त करने के लिए चुनावों के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली ‘चुनाव स्याही’ या ‘अमिट स्याही’ 1952 में सीएसआईआर-एनपीएल में विकसित की गई थी। इसे भारतीय लोकतंत्र में सबसे महत्वपूर्ण योगदानों मे से एक माना जाता है। सीएसआईआर-एनपीएल ने भारत में प्रतिदिन भारी मात्रा में उत्पन्न कचरे को रिसायकल कर बहुरंगी टाइलें बनाने की तकनीक भी विकसित की है।

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