भारत अब क्वांटम टेक्नोलॉजी में बड़ी छलांग लगाने की तैयारी कर रहा है। इससे आने वाले समय में दुनिया की दबाव वाली समस्याओं के व्यावहारिक समाधान की तरफ बढ़ा जा सकेगा। ये बातें केंदीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भोपाल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ)-2022 का उद्घाटन करते हुए कही। चार दिन तक चलने वाले महोत्सव की थीम “विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार के साथ अमृत काल की ओर अग्रसर” है।
मध्य प्रदेश में स्टार्ट-अप की भरमार
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अकेले मध्य प्रदेश में ही एक साल में 2600 स्टार्ट-अप शुरू हुए हैं। यह सिर्फ इंदौर तक ही सीमित नहीं है। टियर- 2 और टियर- 3 शहरों में भी सफल स्टार्ट-अप की भरमार है। उन्होंने मध्य प्रदेश के छात्रों और उद्यमियों से इनोवेशन के प्रति उत्साह विकसित करने का आह्वान किया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आईआईएसएफ भोपाल उस समय आयोजित हो रहा है, जब भारत ने 2023 में जी-20 की अध्यक्षता संभाली है । यह आयोजन न सिर्फ बहु-आयामी विकासात्मक आयामों को प्रदर्शित करेगा, बल्कि भारत की सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त सॉफ्ट पावर को भी प्रदर्शित करेगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जून 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोले जाने के बाद से दो सालों में लगभग 120 गहन प्रौद्योगिकी (डीप टेक) अंतरिक्ष स्टार्ट-अप भारत में आए हैं। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष स्टार्ट-अप न सिर्फ अंतरिक्ष में रॉकेट भेज रहे हैं बल्कि ये उपग्रह निर्माण, मलबा प्रबंधन और कई अन्य दैनिक जीवन उपयोगिताओं जैसे क्षेत्रों में भी शामिल हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज का विज्ञान हर घर में प्रवेश कर चुका है, क्योंकि यह न सिर्फ भारत की अर्थव्यवस्था अथवा युवाओं से संबंधित है। यह भारत के भविष्य के साथ भी गहराई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने समावेशी जुड़ाव को भी रेखांकित किया और गर्व के साथ कहा कि महिला वैज्ञानिक गगनयान परियोजना सहित प्रमुख विज्ञान और प्रौद्योगिकी मिशनों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
छात्र विज्ञान ग्राम समेत 15 आयोजन
मध्य प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा ने बताया कि भोपाल में चार दिन के विज्ञान महोत्सव में छात्र विज्ञान ग्राम की तरह 15 अहम आयोजन होंगे। इसमें 2500 छात्र भाग लेंगे। ये छात्र नई तकनीकों और इनोवनेशन से परिचित होंगे। उन्होंने कहा कि विशाल स्टार्ट-अप प्रदर्शनी के अलावा 1500 युवा वैज्ञानिक जैव प्रौद्योगिकी सहित सभी क्षेत्रों में उभरती प्रौद्योगिकी पर मंथन करेंगे। उन्होंने कहा कि अमृत काल में इनोवेशन नए भारत को परिभाषित करेंगे और स्टार्ट- अप एवं उद्योगों को आगे बढ़ने के लिए भारत सरकार के साथ मध्य प्रदेश सरकार दोनों ही भरपूर सहयोग दे रही हैंI
इनोवेशने सूचकांक में 86 से 41वें स्थान पर पहुंचा भारत
भारत के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो अजय सूद ने कहा कि विज्ञान एक स्थिर विषय नहीं होता बल्कि वह हर दिन नई सफलता के साथ आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि हर प्रगति में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचारों का योगदान होता है। प्रो सूद ने कहा कि भारत बहुत कम समय में इनोवेशन सूचकांक में 86 से 41वें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि सेमी कंडक्टर मिशन शुरू होने से भारत की अर्थव्यवस्था को “बूस्टर डोज” मिलने जा रहा है।
चुनौतियों से निपटने के लिए वैज्ञानिक हस्तक्षेप जरूरी
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले ने अपने कहा कि भविष्य की सभी चुनौतियों से सार्वभौमिक वैज्ञानिक हस्तक्षेप से ही निपटा जा सकता है। कोविड संकट ने काफी हद तक ऐसा दिखाया है। 22-24 जनवरी के बीच आधुनिक काल की प्रौद्योगिकियों पर प्रदर्शनी का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता मशीन लर्निंग, साइबर सुरक्षा, ब्लॉक चेन, डिजिटल मुद्रा उद्योग, 4.0, 5जी/6जी, क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन, ड्रोन प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, सेंसर टेक्नोलॉजीज, प्रणालियाँ एवं संश्लेषित जीवविज्ञान जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में नवाचार को बढ़ावा देना है।