राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सप्ताह का आयोजन नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 11 मई से 14 मई तक किया गया। कार्यक्रम में इस साल की विषयवस्तु ‘स्कूल से स्टार्टअप – इनोवेशन के लिए युवा मस्तिष्क को प्रज्वलित करना’ थी।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सप्ताह का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। उन्होंने देश में युवा वैज्ञानिकों को सहयोग और बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने बताया है कि 700 जिलों में 10,000 से अधिक अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं अब इनोवेशन की नर्सरी बन गई हैं। इनमें से 60 प्रतिशत प्रयोगशालाएं सरकारी तथा ग्रामीण विद्यालयों में ही स्थापित हुई हैं। अटल टिंकरिंग लैब में 12 लाख से अधिक इनोवेशन परियोजनाओं पर 75 लाख से ज्यादा छात्र काम कर रहे हैं, जो एक तरह से स्कूलों से निकलकर देश के कोने-कोने तक पहुंचने वाले युवा वैज्ञानिकों का ही प्रमाण हैं। प्रधानमंत्री ने युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा देने और उनके विचारों को जनउपयोग में इस्तेमाल करने के लिए उनका सहयोग करने के महत्व पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने बताया कि अटल इन्क्यूबेशन सेंटर (एआईसी) में सैकड़ों स्टार्टअप शुरू किए गए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के टिंकर-प्रेन्योर्स जल्द ही विश्व के अग्रणी उद्यमी बन जाएंगे।
इनोवेटिव गतिविधियों की प्रदर्शनी
प्रदर्शनी में 5000 से अधिक स्कूली विद्यार्थियों, 1500 से ज्यादा अन्य आगंतुकों, 800 प्रदर्शकों, 200 अधिक छात्र प्रदर्शकों और विभिन्न क्षेत्रों के 100 से ज्यादा स्टार्टअप्स ने अपने इनोवेटिव गतिविधियों एवं उत्पादों को प्रदर्शित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की प्रगति व विकास में प्रौद्योगिकी के योगदान को बढ़ावा देना तथा उनका महत्व पहचानना है। एआईएम पवेलियन के तहत एआईएम के 75 प्रदर्शकों ने भाग लिया, जिसमें देश भर के 21 राज्यों से अटल टिंकरिंग लैब्स के स्कूली नवाचारों के 40 प्रदर्शक शामिल थे और देश भर के 35 स्टार्टअप भी हिस्सा ले रहे थे, जिन्हें अटल इन्क्यूबेशन केंद्रों के तहत इनक्यूबेट किया गया था।
प्रधानमंत्री और छात्रों के बीच संवाद
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अटल टिंकरिंग लैब्स के छात्रों के बीच का वार्तालाप था। इसमें उन्होंने युवा प्रतिभाओं को इनोवेशन करने तथा देश की प्रगति में अपना योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री ने एआईएम पवेलियन का उद्घाटन भी किया, जिसमें इनोवेशन जीवन चक्र के विभिन्न क्षेत्रों से नए उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा, इस कार्यक्रम में स्टार्टअप्स और अटल टिंकरिंग लैब के छात्रों के बीच आयोजित विशेष सत्रों सहित विभिन्न मंत्रालयों/विभागों द्वारा 10 से ज्यादा तकनीकी सत्रों का आयोजन भी किया गया था। इन विशेष सत्रों में तकनीकी उद्यमियों को उपक्रमी बनने पर जोर दिया गया।
विचारों का आदान-प्रदान बड़ी उपलब्धि
अटल इनोवेशन मिशन के मिशन निदेशक डॉ चिंतन वैष्णव ने कहा कि यह आयोजन स्वयं में एक बड़ी सफलता थी, जो इनोवेशन करने वालों, उद्यमियों एवं निवेशकों को आपसी बातचीत करने और विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराता है। इस कार्यक्रम में सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया और मेक इन इंडिया पर भी प्रकाश डाला गया, जिन्होंने देश में इनोवेशन एवं उद्यमिता की संस्कृति को काफी बढ़ावा दिया है।
प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड और अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) नीति आयोग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन – रक्षा मंत्रालय, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), जैव प्रौद्योगिकी विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन तथा उद्योग संवर्धन व आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने इन ऐतिहासिक गतिविधियों की 25वीं वर्षगांठ का उत्सव मनाने के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सप्ताह, 2023 का आयोजन किया है। इसका उद्देश्य अटल इनोवेशन मिशन कार्यक्रमों पर प्राथमिक रूप से ध्यान दिए जाने के साथ ही ”स्कूल से स्टार्टअप – नवाचार के लिए युवा मस्तिष्क को प्रज्वलित करना’ के केंद्रीय विषय को लेकर नवाचार जीवन चक्र के विभिन्न क्षेत्रों से नवोत्पादों को प्रदर्शित करना है।
ये उत्पाद हुए प्रदर्शित
सप्ताह के दौरान प्रदर्शनी की प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं डॉआल्वे, जिन्हें गीतांजलि क्षेत्री, स्नेहा कुमारी और अनुष्का राय ने प्रदर्शित किया। यह उपकरण सड़क पर अप्रत्याशित मोड़ और पैदल चलने वालों के साथ पहाड़ी सड़कों पर ड्राइवरों की सहायता के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करता है। इसके अतिरिक्त, यह डिवाइस दुर्घटनाओं का पता लगाने और सेकंड के भीतर परिवार के सदस्यों को एसओएस संदेश भेजने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग करता है, जिससे तत्काल चिकित्सा सहायता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
मोहित तायड़े, तरुण मैत्री, मोहनीश कुमार ध्रुव द्वारा प्रदर्शित अटल दिव्यांग रैट : यह उत्पाद विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों को कुर्सी-सह-वाहन (चेयर-कम- वेहिकल) के माध्यम से बिना किसी बाधा के शौचालय का उपयोग करने में सहायता करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस उत्पाद को कई साक्षात्कारों और छात्रों एवं विशेष रूप से दिव्यांग छात्रों के माता-पिता के साथ बातचीत के बाद विकसित किया गया था ताकि वे बिना किसी हिचकिचाहट के वॉशरूम का उपयोग कर सकें ।
एसएस पीएल-डीआरडीओ ने डॉ. फहीम और डॉ. सीता राम द्वारा विकसित ‘अंडरवाटर वायरलेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन यूजिंग ब्लू-ग्रीन लेजर’ तकनीक का प्रदर्शन किया, डीबीटी–आईएनएसटीईएम के डॉ. प्रवीण कुमार वेमुला ने नोवेल ब्लड बैंक और कीटाणु रोधी (एंटी-पेस्टीसाइड) प्रोटेक्शन सूट का प्रदर्शन किया, और मैसर्स पैनेसिया चिकित्सा प्रौद्योगिकी प्रा. लिमिटेड, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के एक लाभार्थी, डीएसटी ने स्वदेशी रूप से निर्मित एसबीआरटी सक्षम रैखिक त्वरक (लिनैक) (सिद्धार्थ II) प्रदर्शित किया।