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जलवायु परिवर्तन और नेट-जीरो के असर का आकलन करने के लिए नया टूल

भारत सरकार की विभिन्न हरित ऊर्जा नीतियों के एकीकृत प्रभाव का आकलन करने के लिए संशोधित भारत ऊर्जा सुरक्षा परिदृश्य (आईईएसएस) 2047 (आईईएसएस 2047वी 3.0) नीति आयोग द्वारा जारी किया गया है। एक ओपन-सोर्स टूल, आईईएसएस में वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों जैसे हरित हाइड्रोजन, ऊर्जा भंडारण, नवीकरणीय खरीद दायित्व, पीएम-कुसुम, अपतटीय पवन रणनीति, इलेक्ट्रिक वाहन नीति, ऊर्जा दक्षता इत्यादि से संबंधित कई नीतियां शामिल हैं। देश में ऊर्जा की मांग और आपूर्ति का आकलन करने से संबंधित यह टूल 2047 तक उत्सर्जन, लागत, भूमि और पानी की आवश्यकताओं का विश्लेषण करने में सहायता प्रदान करेगा।

यह तकनीक लोगों के लिए उपलब्ध है। आईईएसएस के इस संस्करण को आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है और उपयोगकर्ताओं को अपने स्वयं के तरीके बनाने की सुविधा प्रदान करता है। यह शोधकर्ताओं और थिंक टैंकों को उपयोगकर्ता-विशिष्ट परिदृश्य और उद्योग/सेवाओं/कृषि की हिस्सेदारी, जनसंख्या, शहरीकरण की गति, अंतिम-उपयोग आधारित ऊर्जा मांग आदि के आधार पर अनुकूलित अनुप्रयोगों के विकल्प विकसित करने में मदद करेगा।

आपसी संवाद आधारित टूल

आईईएसएस 2047 एक उपयोगकर्ता-अनुकूल आपसी-संवाद आधारित टूल है, जो मंत्रालयों/विभागों को नेट-जीरो का लक्ष्य हासिल करने के लिए विभिन्न प्रकार के ऊर्जा स्रोतों को अपनाने से जुड़े परिदृश्य को विकसित करने में मदद कर सकता है। यह टूल नेट-जीरो तरीकों के आपस में विभिन्न परिवर्तन और संयोजन की सुविधा देता है। यह देश की ऊर्जा आवश्यकताओं और अनुमानों की गणना करने की क्षमता प्रदान करता है और इस प्रकार अनुमानों के लिए बाहरी एजेंसियों पर भारत की निर्भरता को कम करता है।

आईआईटी बॉम्बे की मदद से डिजाइन

आईआईटी बॉम्बे की मदद से डिजाइन किया गया, यह संशोधित आईईएसएस 2047 को वार्षिक आधार पर अपडेट किया जाएगा। बेसलाइन को 2020 में मानकीकृत किया गया है और इसकी 2022 तक के लिए जांच की गई है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने आईईएसएस 2047 के स्वदेशीकरण की सराहना की और इस टूल को 2070 तक नेट-जीरो का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक बड़ा सुविधा-प्रदाता बताया।

नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने आईईएसएस को एक राष्ट्रीय संपत्ति और नीति आयोग में किए जा रहे अनुसंधान और विकास का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया। विकास की उचित आकांक्षाओं और सतत विकास के बीच संतुलन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर समग्र योजना और नीति निर्माण के लिए ऐसे टूल और डेटा प्लेटफॉर्म का मौजूद होना महत्वपूर्ण है।


टूल का वेब संस्करण, उपयोगकर्ता की पसंद के आधार पर देश की ऊर्जा मांग और आपूर्ति परिदृश्यों की ग्राफिक प्रस्तुति प्रदान करता है, जिसका उपयोगकर्ता आसानी से उपयोग कर सकते हैं।

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