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विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित होंगे न्यूज इन साइंस के फाउंडर एडिटर राकेश अन्दानिया

न्यूज इन साइंस के फाउंडर एडिटर राकेश अन्दानिया को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। ये सम्मान उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी में संवाद को आसान बनाने के लिए दिया जाएगा। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत काम करने वाले नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन ने राकेश अन्दानिया को वर्ष 2022 के नेशनल अवार्ड फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन के लिए चुना है । उन्हें “इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में उत्कृष्ट प्रयासों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार” दिया जाएगा। इस अवार्ड के तहत उन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और दो लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी।

विज्ञान को लेकर चेतना बढ़ाने में अहम योगदान


राकेश मूल रूप से हरियाणा के रोहतक के रहने वाले हैं। वो महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के पूर्व छात्र हैं। लोक सभा टीवी, राज्य सभा टीवी और डीडी नेशनल पर उनके विज्ञान आधारित खबरों के साप्ताहिक कार्यक्रम ज्ञान-विज्ञान, साइंस दिस वीक, साइंस मॉनिटर बहुत लोकप्रिय रहे हैं।

इसके अलावा वो न्यूज इन साइंस नाम से साइंस और टेक्नोलॉजी को समर्पित वेबसाइट और यूट्यूब चैनल के फाउंडर एवं साइंस एडिटर भी हैं। न्यूज इन साइंस यू-टयूब चैनल के 68 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। चैनल पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़े 600 से ज्यादा वीडियो हैं। इन्हें 68 लाख लोगों ने अब तक देखा है। वेबसाइट और यू-ट्यूब के माध्य से विज्ञान के जटिल विषयों को आम बोलचाल की भाषा में लोगों के सामने रखा जाता हैं। इनमें देश-दुनिया की विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़ी अहम खबरों को समेटा जाता है।

अवार्ड जीतने वाली कई फिल्मों का निर्माण और निर्देशन

राकेश अन्दानिया एक जाने-माने विज्ञान पत्रकार और फिल्म-निर्माता भी हैं। पिछले तीन दशक से इस क्षेत्र में काम कर रहे अन्दानिया ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से विज्ञान को लोकप्रिय बनाने का काम किया है। उनके द्वारा निर्मित ऑडियो-वीडियो श्रृंखलाओं, समाचार कार्यक्रमों और विज्ञान डॉक्यूमेंट्रीज़ ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी सूचना के प्रसार में विशेष योगदान दिया है। विज्ञान से संबंधित विभिन्न विषयों को कवर करते हुए उन्होंने देश के प्रतिष्ठित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थानों, संगठनों के लिए फिल्मों का निर्माण और निर्देशन किया है।

कोविड महामारी के दौरान भी वह बहुत सक्रिय रहे। उन्होंने कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थानों और स्टार्टअप्स द्वारा विकसित विभिन्न एसएंडटी प्रयासों, विकास और नवाचारों को अपनी स्टोरीज़ और फिल्मों के माध्यम से उजागर करने में सहयोग किया।

राकेश अन्दानिया लगभग दस वर्षों से साइंस मॉनिटर और ज्ञान विज्ञान नाम से एक साप्ताहिक द्विभाषी विज्ञान समाचार कार्यक्रम का निर्माण कर रहे हैं, जो अपनी तरह का सबसे लंबा चलने वाला कार्यक्रम है। ये कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर के टीवी चैनलों (दूरदर्शन, लोकसभा टीवी, राज्य सभा टीवी तथा OTT चैनल इंडिया साइंस) पर प्रसारित किया गया।

इनके द्वारा निर्मित और निर्देशित फिल्म व डॉक्यूमेंट्रीज़ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रदर्शित एवं पुरस्कृत किया गया है। विज्ञान पत्रकारों और फिल्म निर्माताओं की नई पीढ़ी को प्रशिक्षित करने के लिए अन्दानिया ने कई कार्यशालाओं और सम्मेलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया है। जनवरी में ही उनकी फिल्म सेविंग द हिमालयन याक ने साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में तीसरा पुरस्कार हासिल किया था। उनके प्रोडक्शन हाउस क्रिडेंस मीडिया सोल्यूशन को 12वें दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल-22 में बेस्ट प्रोडक्शन हाउस का अवार्ड भी मिल चुका है। राकेश अन्दानिया की बनाई और निर्देशित फिल्म कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों का हिस्सा बन चुकी हैं।

31 साल बाद फिर ग्रहण करेंगे सम्मान

1992 में हरियाणा विज्ञान मंच को विज्ञान लोकप्रियकरण के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। उस वक्त राकेश अन्दानिया भी हरियाणा विज्ञान मंच का हिस्सा थे। 31 वर्ष बाद वे फिर इस सम्मान को हासिल करेंगे।

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