मंगल यानी लाल ग्रह की पहली बार एक व्यापक तस्वीर बनाई गई है। इसे नासा के मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (MRO) से ली गई एक लाख से ज्यादा तस्वीरों की मदद से तैयार किया गया गया है। इसमें मंगल ग्रह के सतह पर गड्ढे और धूल समेत दूसरी जानकारियों को विस्तार से जगह दी गई है।
MRO के ब्लैक-एंड-व्हाइट कॉन्टेक्स्ट कैमरा या CTX से ली गई तस्वीरों में हर पिक्सेल, सतह के लगभग 270 वर्ग फुट (25 वर्ग मीटर) को कवर करती हैं।
मंगल ग्रह के लिए बनाया गया वैश्विक CTX मोज़ेक, लाल ग्रह की अब तक की हाई-रिज़ॉल्यूशन वाली वैश्विक इमेज है। अगर इसे प्रिंट किया जाता, तो यह 5.7 ट्रिलियन पिक्सेल (या 5.7 टेरापिक्सेल) होगा।
प्लैनेटरी विज़ुअलाइज़ेशन के लिए कैल्टेक की ब्रूस मरे प्रयोगशाला के प्रोडक्ट, मोज़ेक को विकसित होने में छह साल और दसियों हज़ार घंटे लगे। यह इतना व्यापक है कि 120 से अधिक और साथियों द्वारा रिव्यू किए गए विज्ञान पत्रों ने इसके बीटा संस्करण का हवाला पहले ही दे दिया है। लेकिन मोज़ेक किसी के भी इस्तेमाल के लिए काफी आसान है।
तस्वीरों को प्रोसेस करने वाले वैज्ञानिक जे डिक्सन ने कहा, “मैं कुछ ऐसा चाहता था जो सभी के लिए सुलभ हो।” डिक्सन ने परियोजना का नेतृत्व किया और मुरैना लैब का प्रबंधन किया। उन्होंने कहा, “स्कूली बच्चे अब इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। 78 साल की मेरी मां अब इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। लक्ष्य उन लोगों के लिए बाधाओं को कम करना है जो मंगल की खोज में दिलचस्पी रखते हैं।”
MRO पर लगे तीन कैमरों में से CTX एक है। इसका नेतृत्व दक्षिणी कैलिफोर्निया में NASA की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी करती है। उनमें से एक कैमरा डायनिंग रूम टेबल जितनी छोटी जगह के सतह की रंगीन तस्वीरें उतारता है। इसके विपरीत, CTX उन फीचर के आस-पास के इलाके का व्यापक व्यू प्रदान करता है। इससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलती है कि वे किस तरह एक-दूसर से संबंधित हैं। लैंडस्केप के बड़े विस्तार को समेटने की क्षमता ने CTX को सतह पर प्रभाव वाले गड्ढ़ों को खोजने के लिए विशेष रूप से उपयोगी बना दिया है। CTX के संचालन वाली टीम के नेतृत्व में तीसरा कैमरा, मार्स कलर इमेजर (MARCI), बहुत कम स्थानिक रिज़ॉल्यूशन पर मंगल के मौसम का दैनिक वैश्विक मानचित्र तैयार करती है।
साल 2006 में MRO के मंगल ग्रह पर पहुंचने के बाद से ही CTX ने लगभग इस ग्रह के हर हिस्से का दस्तावेजीकरण किया है। इससे इसकी तस्वीरें वैज्ञानिकों के लिए एक ऑप्टिमल प्रारंभिक बिंदु बन जाती हैं। ऐसा तब होता है जब वैज्ञानिक नक्शा बना रहे होते हैं। क भूसे के ढेर में सुई की तलाश करने की तरह, नक्शा बनाने के लिए तस्वीरों को बड़े चयन के माध्यम से डाउनलोड करने और छानने की आवश्यकता होती है ताकि एक जैसे रोशनी की स्थिति और स्पष्ट आसमान वाले चित्र मेल खा सकें।
नई मोज़ेक बनाने के लिए, डिक्सन ने तस्वीरों से मिलान करने के लिए उनके द्वारा कैप्चर किए गए फ़ीचर के आधार पर एक एल्गोरिदम विकसित किया। उन्होंने शेष 13,000 तस्वीरों को मैन्युअल रूप से एक साथ जोड़ दिया जो एल्गोरिदम से मेल नहीं खा सके। मोज़ेक में शेष अंतराल मंगल के कुछ हिस्सों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें CTX द्वारा चित्रित नहीं किया गया था।
इसका इस्तेमाल करने वाले यूजर गेल क्रेटर और जेज़ेरो क्रेटर जैसे क्षेत्रों में भी जा सकते हैं। नासा के क्यूरियोसिटी और पर्सिवरेंस रोवर इन क्षेत्रों को एक्सप्लोर कर रहे हैं। या फिर नासा के मार्स ग्लोबल सर्वेयर मिशन से स्थलाकृतिक डेटा जोड़ते हुए सौर मंडल के सबसे ऊंचे ज्वालामुखी ओलंपस मॉन्स की यात्रा कर सकते हैं। मोज़ेक की सबसे अच्छी विशेषताओं में से एक पूरे ग्रह पर प्रभाव वाले क्रेटर को हाइलाइट करना है। जिससे यह पता चलता है कि लाल ग्रह कितना डरावना है।