यह रिसर्च कुशल पतली फिल्म पेरोसाइट आधारित इनडोर पीवी के विकास में मदद करेगा जो घरेलू उपकरणों के लिए कम-ऊर्जा वाले इंटरनेट ऑफ थिंग्स ऐप्लीकेशन के लिए किफायती और पर्यावरण के अनुकूल हो सकता है।
न्यूज इन साइंस ब्यूरो।
आईआईटी मंडी के रिसर्चरों ने घरेलू एलईडी और सीएफएल लाइट से बिजली बनाने में सफलता पाई है। रिसर्चरों ने एक नई फोटोवोल्टिक सामग्री विकसित की है। इसकी मदद से एलईडी या सीएफएल जैसे रोशनी के घरेलू स्रोतों में पैदा होने वाले प्रकाश के विकिरणित (irradiated) होने पर बिजली उत्पन्न की जा सकती है।
आईओटी तकनीक को सपोर्ट
यह शोध इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) तकनीक का समर्थन करता है। इस तकनीक को आज तेजी से अपनाया जा रहा है। मोबाइल फोन, स्मार्ट होम और अन्य ऐप्लीकेशन में आईओटी उपकरणों का तेजी से इस्तेमाल हो रहा है। इनके लिए अलग-अलग तरह के रीयल-टाइम डेटा की जरूरत होती है।
बैटरी का विकल्प
बिजली आपूर्ति के लिए ग्रिड पर निर्भर हुए बिना इन आईओटी उपकरणों को स्वतंत्र रूप से चलाने की आवश्यकता होती है। फिलहाल प्राथमिक और द्वितीयक बैटरी ऐसे उपकरणों को चलाने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। सभी तरह की बैटरियों का जीवनकाल सीमित होता है। ये न तो लागत के हिसाब से किफायती होती हैं और न ही पर्यावरण के अनुकूल।
रोशनी से बिजली जनरेट करने से ऐसे उपकरणों को बैटरी का विकल्प मिल सकता है। सौर सेल (सोलर सेल) बिजली पैदा करने के लिए सूर्य के प्रकाश का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि कई आईओटी का इस्तेमाल घर के अंदर किया जाता है। ऐसे में सूरज की रोशनी विकल्प नहीं बन सकती। इस तरह नया रिसर्च सेंसर, गैजेट, वाई-फाई राउटर, आरएफआईडी रीडर जैसे इनडोर उपकरणों को चलाने के लिए पर्याप्त ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए रोशनी के इनडोर स्रोतों से बिजली बनाने के तरीकों को खोजने का एक विकल्प है।
कई संस्थानों की टीम शामिल
लंबे समय तक अध्ययन
इस रिसर्च को कई संस्थानों की टीम ने मिलकर अंजाम दिया है। रिसर्चरों ने पतली-फिल्म कुशल फोटोवोल्टिक सेल विकसित की है। यह सेल किसी भी प्रकार की रोशनी से बिजली पैदा कर सकती है। ये सेल पेरोसाइट (perovskites) पर आधारित हैं। पेरोसाइट क्रिस्टल परिवार का सदस्य है। यह सूर्य के प्रकाश को अवशोषित कर ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है। सौर ऊर्जा बनाने के लिए लंबे समय तक पेरोसाइट का अध्ययन किया गया है। शोधकर्ताओं की इस टीम ने नई पेरोसाइट सामग्रियों की खोज की है जिनका इस्तेमाल सिर्फ सूर्य के प्रकाश के लिए ही नहीं, बल्कि इनडोर कृत्रिम प्रकाश के लिए भी किया जा सकता है।
इस काम की तकनीक के बारे में बताते हुए आईआईटी मंडी के डॉ. रणबीर सिंह ने कहा, “हमने मिथाइलअमोनियम लेड आयोडाइड (MAPbI3) पेरोसाइट सामग्री में फॉर्मैमिडीनियम (FA+) केशन को शामिल करके एक फोटोएक्टिव क्वासी-क्यूबिक स्ट्रक्चर पेरोसाइट सामग्री को संश्लेषित किया है।”
प्रकाश अवशोषण, मोरफोलॉजी, चार्ज ट्रांसपोर्ट और पेरोसाइट के इलेक्ट्रॉन ट्रेप स्टेट की जांच की गई। साथ ही इनडोर प्रकाश व्यवस्था की स्थिति के तहत डिवाइस फिजिक्स का विस्तार से पता लगाया गया है। गढ़े हुए पीवी ने इनडोर रोशनी की स्थिति में 34.07% की फोटोइलेक्ट्रिक कन्वर्जन कुशलता का प्रदर्शन किया।
स्वास्थ्य और सेहत की निगरानी, स्मार्ट होम, लॉजिस्टिक, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग जैसे ऐप्लिकेशन में स्मार्ट उपकरणों के उपयोग में बड़ी वृद्धि के चलते आगे आने वाले समय में इनडोर लाइट से बिजली उत्पादन की मांग तेजी से बढ़ेगी।