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अब मोबाइल से होगा ECG | News In Science

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देश में मधुमेह यानी डायबिटीज रोगियों के एक ऐसे उपकरण की जो मधुमेह रोगियों के लिए कारगर साबित हो सकती है।

भारत दुनिया में सबसे ज्यादा मधुमेह मरीज वाला दूसरा देश है। डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को हार्ट अटैक (दिल का दौरा) और हार्ट स्ट्रोक (हृदयाघात) हो सकता है। इसके साथ-साथ डायबिटीज़ से किडनी फेल और पैरों के निष्क्रिय होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मधुमेह और ब्लडप्रेशर की जांच के लिए देश में एक ऐसा उपकरण आ गया है जो कुछ ही मिनटों में सारे टेस्ट कर देगा।

भारतीय विज्ञानिकों ने एक ईसीजी डिवाइस विकसित की है जो हृदय जैसी गंभीर रोगों की जांच के लिए आसानी हो गई है। सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, दिल की धड़कनों का तेज़ होना या हार्ट-अटैक। हृद्य से जुड़ी ऐसी किसी भी समस्या के लिए आमतौर पर डॉक्टर सबसे पहले ईसीजी यानी इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी कराने की सलाह देते हैं। ईसीजी में इलेक्ट्रोड के जरिए एक निश्चित समय में मरीज़ के हृद्य की विद्युत गतिविधि रिकॉर्ड की जाती है। जिससे दिल धड़कने की दर और रिद्म जैसी जानकारियां मिल जाती हैं और फिर उसी आधार पर मरीज का इलाज किया जाता है।

ईसीजी करने के लिए अस्पतालों में इस वक्त जिस तकनीक का इस्तेमाल होता है वो काफी मुश्किल होता है। इन्ही मुश्किलों को कम करने के लिए ईसीजी की एक आसान तकनीक विकसित की गई है ‘संकेत-लाइफ’। दावा है कि ये दुनिया की सबसे छोटी ईसीजी प्रणाली है जो आपके स्मार्ट-फोन पर काम करती है। बिना तार की सिर्फ़ एक डिवाइस को शरीर में बारी बारी ईसीजी प्वाइंट्स पर लगाया जा सकता है और फ़ौरन आपके फ़ोन पर ही रिपोर्ट भी मिल जाती है। हाल ही में ग्लोबल बायो इंडिया 2019 के दौरान इस डिवाइस को बाइरेक पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया ।

इस डिवाइस को सबसे पहले 2017 में लाया गया था। ये पहली लीडलेस डिवाइस है जो 12 लीड वाली मशीनों की तरह ही काम करती है। आपको बता दें इस डिवाइस को कंपनियों और स्कूलों के फर्स्ट एड कक्ष में भी रखा जा सकता है और मरीज़ खुद भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

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