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भारत की वैश्विक सर्वोच्चता उसकी वैज्ञानिक क्षमता से तय होगी

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 16 नवंबर 2023 को कहा कि भारत की वैश्विक सर्वोच्चता उसकी वैज्ञानिक क्षमता से तय होगी।
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 और कोविड टीका की हालिया उपलब्धियों ने भारत के वैज्ञानिक समुदाय को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के बराबर खड़ा कर दिया है।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह जनवरी 2024 में फरीदाबाद में आयोजित होने वाले आगामी 9वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) – 2023 के बारे में मीडिया को जानकारी दे रहे थे।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में पिछले 9 वर्षों में, आम आदमी के ‘जीवन में सुगमता’ लाने के लिए वैज्ञानिक सफलताओं का उपयोग किया गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आईआईएसएफ उन लोगों के लिए एक विशेष उत्सव है जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका हमारे जीवन के हर पहलू में शामिल है क्योंकि सभी क्षेत्रों में विकास के लिए लगभग सभी मंत्रालयों और विभागों में एसटीआई अनुप्रयोग मौजूद हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चाहे वह सड़क हो, रेलवे हो, स्मार्ट सिटी परियोजना हो, टेलीमेडिसिन हो, गहरे समुद्र में अन्वेषण हो, भूजल मानचित्रण हो या फसल इमेजिंग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग सभी जगह दिखते हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि विज्ञान महोत्सव तीन स्तरों पर मनाया जाएगा- पहला, वैश्विक प्रभाव वाली सफल कहानियां जिन्हें भारत और विदेशों से आए स्टार्टअप, उद्योग निकायों, उत्प्रेरकों, शोधकर्ताओं, छात्रों और वैज्ञानिक समुदाय जैसे प्रमुख हितधारक साझा करेंगे। दूसरा, हम अब प्रमुख वैश्विक वैज्ञानिक सफलताओं में एक ही स्तर पर हैं क्योंकि हाल ही में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन ने घोषित किया कि हम छह अन्य देशों की एक विशिष्ट लीग के साथ अनुसंधान एवं विकास कर रहे हैं।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने बताया कि इस उत्सव में शामिल होने का तीसरा कारण यह है कि भारत ने दुनिया को अपने उदाहरण से बताया कि वैज्ञानिक अनुसंधान विकास उद्देश्यों और उसके आगे के लिए हैं और पिछले दस वर्षों में, लगभग सभी प्रमुख योजनाओं में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की मौजूदगी दिखती है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, प्रो. अजय कुमार सूद ने कहा कि आईआईएसएफ हमारे युवाओं में उद्यमिता की भावना जगाएगा और प्रदर्शनियों तथा स्टार्टअप सम्मेलनों के माध्यम से हमारे चारों ओर विज्ञान के चमत्कारों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव डॉ. अभय करंदीकर ने बताया कि आईआईएसएफ में 500 युवा शोधकर्ताओं के अलावा 10,000 से अधिक स्कूली बच्चे भाग लेंगे, जो नई पहलों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर अपनी बातें रखेंगे। इसमें 100 से अधिक स्टार्टअप अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन करेंगे और इस भव्य आयोजन में 12,000 से अधिक प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2023 का 9वां संस्करण 17 से 20 जनवरी, 2024 तक हरियाणा के फरीदाबाद में आयोजित किया जाएगा।
भारत का यह भव्य विज्ञान मेला फरीदाबाद में ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई) और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (आरसीबी) के परिसर में आयोजित किया जाएगा।
वर्तमान संस्करण का विषय ‘अमृत काल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी तक सार्वजनिक पहुंच’ है। आईआईएसएफ 2023 का लक्ष्य बड़े पैमाने पर जनता और छात्रों, शिक्षकों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, उद्योग के पेशेवरों, उद्यमियों और विज्ञान संचारकों जैसे विभिन्न लोगों को प्रेरित करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
आईआईएसएफ 2023 में प्रतिभागियों और आम जनता को विविध लाभ प्रदान करने वाली वैज्ञानिक उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए कुल 17 थीम होंगी।
आईआईएसएफ 2023 के दौरान, आईआईएसएफ चैलेंज एक अनोखा आयोजन होगा जिसमें एक नया रिकॉर्ड बनाया जाएगा और वैश्विक स्तर पर एक चुनौती के रूप में पेश किया जाएगा। इस वर्ष कक्षा 9वीं के दो छात्रों की टीम द्वारा लगभग 500 उपग्रह (विमोसैट) विकसित किए जाएंगे। ऐसे सभी मौसम संबंधी उपग्रह 200 मीटर की ऊंचाई तक दबाव, तापमान, आर्द्रता आदि मापेंगे। सभी इकट्ठे उपग्रहों को पैरामोटर द्वारा इतनी ऊंचाई तक पहुंचाया जाएगा।
इस महोत्सव में लगभग 100 महिला वैज्ञानिक और सफल उद्यमी भाग लेंगे और प्रतिनिधियों के बीच अपनी उपलब्धियों और सफल कहानियों का प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा, इस महोत्सव में लगभग 40 से 50 अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के आने की संभावना है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी की विभिन्न धाराओं

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