राष्ट्रपति ने पीएम युवा लेखकों से मिल उनका उत्साहवर्धन किया।
सीईओ स्पीक : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बहुभाषी प्रकाशन में चुनौतियाँ और अवसर
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित कला, साहित्य और रचना कार्यक्रम में माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रधानमंत्री युवा योजना 1.0 के 55 और प्रधानमंत्री युवा योजना 2.0 के 37 युवा लेखकों से मुलाकात की। उन्होंने युवा लेखकों को भारत की कहानियों को आम जनमानस तक पहुँचाने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे, निदेशक युवराज मलिक और शिक्षा मंत्रालय के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। राष्ट्रपति भवन में पीएम युवा मेंटरशिप योजना 1.0 और 2.0 में चयनित पुस्तकों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में 11 फरवरी को नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया ने प्रकाशन उद्योग के महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के लिए ‘सीईओ स्पीक’ का आयोजन किया। इस विमर्श में बहुभाषी परिदृश्य और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के एकीकरण पर विशेष जोर दिया गया। इस आयोजन में प्रकाशन जगत से जुड़े मुख्य कार्य अधिकारियों, प्रबंध निदेशकों और वरिष्ठ प्रकाशन पेशेवरों के बीच विचार—विमर्श हुआ। कार्यक्रम की आरंभ में नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के अध्यक्ष मिलिंद सुधाकर मराठे ने प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए बताया कि कैसे एनबीटी, इंडिया बहुभाषी प्रकाशन में अग्रणी रहा है। उन्होंने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार और सऊदी अरब की तरफ से द लिटरेचर, पब्लिशिंग एंड ट्रांसलेशन कमीशन के पब्लिशिंग जनरल मैनेजर डॉ. अब्दुल्लतीफ अल्वसिल का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के दौरान ही द लिटरेचर, पब्लिशिंग एंड ट्रांसलेशन कमीशन के पब्लिशिंग जनरल मैनेजर डॉ. अब्दुल्लतीफ अल्वसिल ने ‘द बुक मार्केट इन सऊदी अरब’ पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें सऊदी अरब और भारतीय साहित्य के माध्यम से दोनों देशों के बीच विचारों के आदान-प्रदान पर ध्यान केंद्रित किया।
माननीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने बहुभाषी भारत के संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति—2020 की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए मुख्य वक्तव्य दिया। उन्होंने भारतीय शैक्षिक प्रणाली के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे प्रकाशन उद्योग भारत की मातृभाषाओं के माध्यम से ज्ञान के प्रसार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।