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स्वदेशी तकनीक से बने यूनिवर्सल डिजिटल आईसीयू वेंटिलेटर का होगा व्यावसायीकरण

ऐसे देश में जहां 85 प्रतिशत से ज्यादा चिकित्सा उपकरण आयात किए जाते हैं, वहां स्वदेशी रूप से विकसित चिकित्सा उत्पादों को बढ़ावा देना इतना अहम कभी नहीं रहा। भारत सरकार अपनी “मेक इन इंडिया” पहल और स्वास्थ्य सेवा सहित सभी क्षेत्रों में डिजिटलीकरण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करते हुए घरेलू इनोवेशन के लिए एक मजबूत ढांचा बनाने पर काम कर रही है।

इन राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को दिखाते हुए, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने महाराष्ट्र के मेसर्स नॉक्कार्क रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता किया है। यह डिजिटल रूप से सक्षम उन्नत यूनिवर्सल आईसीयू वेंटिलेटर के व्यावसायीकरण के लिए समर्पित कंपनी है। बोर्ड ने 7.89 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत में से 3.94 करोड़ रुपये की मदद देने का वादा किया है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन और इनोवेशन सेंटर में स्थापित मेसर्स नॉक्कार्क अपनी स्वदेशी रूप से विकसित तकनीक के साथ इनोवेशन की भावना का प्रतीक है।

पूरी तकनीक स्वदेशी

इस वेंटिलेटर की पूरी तकनीक को नॉक्कार्क ने स्वदेशी रूप से विकसित किया है। इसमें वेंटिलेटर के प्रत्येक घटक के लिए पेटेंट के कई आवेदन किए गए हैं। कंपनी के एंट्री-लेवल वेंटिलेटर वी310 ने कोविड-19 महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसे पूरे भारत के अलग-अलग अस्पतालों में इस्ते्माल किया गया, जहां यह लोगों की जान बचाने में काफी मददगार रहा। इसकी सफलता को देखते हुए नॉक्कार्क अब नॉक्कार्क वी730आई लॉन्च कर रहा है, जो एक स्मार्ट वेंटिलेटर है। वी730आई से जीएसएम, वाई-फाई और एलएएन के माध्यम से क्लाउड से निर्बाध कनेक्टिविटी की सुविधा मिलती है। इससे डॉक्टरों और गहन देखभाल विशेषज्ञों को नॉक्कार्क के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रोगी डेटा की दूर से निगरानी करने में मदद मिलती है। इससे अस्पतालों को अपने आईसीयू डेटा और वर्कफ़्लो को डिजिटल बनाने में भी मदद मिलेगी। यह पहल चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में सरकार के प्रयास के अनुरूप है।

इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा

इस अवसर पर नॉक्कार्क के प्रमोटर निखिल कुरेले और हर्षित राठौड़ ने कहा कि टीडीबी का समर्थन और सहायता कंपनी को भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में तकनीकी स्वदेशीकरण की दिशा में आगे बढ़ाएगी। उन्होंने इस बात पर जोर देते हिए कहा कि नॉक्कार्क के प्रयास सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल में महत्वपूर्ण योगदान देंगे, जो चिकित्सा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार और आत्म-निर्भरता के लिए एक मिसाल कायम करेगा।

टीडीबी के सचिव राजेश कुमार पाठक ने कहा कि उन्नत चिकित्सा प्रौद्योगिकी में नॉक्कार्क के इनोवेशन उन्नत समाधान विकसित करने में भारत की क्षमताओं का प्रमाण हैं जो घरेलू स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरतों को पूरा करते हैं। नॉक्कार्क कंपनी डिजिटल रूप से सक्षम उन्नत यूनिवर्सल आईसीयू वेंटिलेटर के व्यावसायीकरण पर ध्यान केंद्रित करेगी जिससे रोगियों के गंभीर देखभाल स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति आने की उम्मीद है। पाठक ने बताया कि पुणे में कंपनी की विनिर्माण साइट भारत में निर्मित डिजिटल रूप से सक्षम स्वास्थ्य देखभाल उपकरणों की प्रतीक बन चुकी है। इन उपकरणों की निर्यात बाजारों में भी अपार संभावनाएं हैं।

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