राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उभरती प्रौद्योगिकियों का हमारी अर्थव्यवस्था और समाज पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि तकनीक हमारे जीने के तरीके को बदलने जा रही है, इसलिए हमें सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए। राष्ट्रपति ने ये बातें नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी मेला (आईईटीएफ) 2023 का उद्घाटन करते हुए कहीं।
लोगों तक पहुंचने से ही बचेगी प्रौद्योगिकी
उन्होंने कहा कि कोई भी प्रौद्योगिकी जो खुद को लोगों के एक समूह तक सीमित रखती है, वह धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी। दूसरी ओर, सामान्य लोगों के जीवन को सकारात्मक तरीके से बदलने वाली प्रौद्योगिकियां अपनी पकड़ बनाती हैं। भारत में विश्व के सबसे बड़े डिजिटलीकरण अभियान की व्यापक स्वीकृति समाज की ओर से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाली तकनीकों को आसानी से अपनाने का एक प्रमुख उदाहरण है।
उन्न्त प्रौद्योगिकी में भारत आगे
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि इस साल का यह आयोजन न केवल इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षेत्र में भारत की विकास गाथा का उत्सव है, बल्कि विश्व की उन्नत प्रौद्योगिकियों में सर्वश्रेष्ठ के साथ राष्ट्र की सहभागिता का भी एक प्रमाण है।
राष्ट्रपति ने कहा कि पहले आईईटीएफ के बाद से पिछले 48 वर्षों में भारत ने एक लंबी यात्रा की है। इस अवधि के दौरान इंजीनियरिंग उद्योग ने नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया है। आज यह भारत के उद्योग का एक ठोस, बहु-स्तरीय व विविध हिस्सा है, जो विकास को आगे बढ़ाने, रोजगार सृजित करने और निर्यात को बढ़ावा देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हाल के दिनों में अपनाई गई नीतियों ने अभूतपूर्व समावेशी विकास को बढ़ावा दिया है। अर्थव्यवस्था के तेजी से डिजिटलीकरण और सामाजिक स्तर पर इसकी स्वीकृति ने एक नई क्षमता को उजागर किया है, जिसने उच्च विकास के लिए नए रास्ते बनाए हैं।
वैश्विक जुड़ाव के रास्ते पर भारत
राष्ट्रपति ने बताया कि भारत अपने उत्कृष्ट विनिर्माण अनुभव, उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभा और अत्याधुनिक उन्नत तकनीकी उपलब्धियों का लाभ उठाते हुए अपने वैश्विक जुड़ाव का विस्तार करने के मिशन पर है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जहां इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में अंतरराष्ट्रीय सहयोग भविष्य में विश्व को एक समृद्ध और सुरक्षित जगह बनाने के लिए बदलाव लाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत के पास अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ जुड़ने की विशिष्ट क्षमता है। स्वच्छ ऊर्जा को लेकर हमारी प्रतिबद्धता हमारे हरित विकास को संचालित कर रही है। भारत साल 2070 में शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है। राष्ट्रपति ने इसका उल्लेख किया कि आईईटीएफ- 2023 में उभरती प्रौद्योगिकियों के 11 क्षेत्र शामिल हैं।
राष्ट्रपति ने इस पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि आईईटीएफ- 2023 में प्रकृति और विज्ञान के बीच सामंजस्य को बढ़ावा देने वाली इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकियों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का एक दृढ़ प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि मानव प्रतिभा का सर्वश्रेष्ठ उपयोग तब किया जाना चाहिए, जब वह प्रकृति का पोषण करने को लेकर उन्मुख हो। उन्होंने कहा कि अगर विज्ञान के ज्ञान को अध्यात्म की खोज के साथ जोड़ दिया जाए तो यह चमत्कार कर सकता है।