News In Science के Science Weekly round up में आपका स्वागत है, हमेशा की तरह हम आपके लिए लाए हैं साइंस से जुड़ी रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, जिसमें इस बार हम बात करेंगे सिकुड़ते चंद्रमा से बढ़ रही चिंता की वहीं बताएंगे कहां मिला है 25 करोड़ साल पुराना प्राकृतिक ख़ज़ाना|
आज की इस कड़ी में बात करेंगे:
1) क्यों सिकुड़ता जा रहा है चंद्रमा ?
2) दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन का दिमाग भारत में बनकर तैयार|
3) ख़तरनाक ऊंचाई पर पहुंचा हवा में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर|
4) हिमांचल में मिले 25 करोड़ साल पुराने विशाल पेड़ के अवशेष|
5) ISRO का युविका कार्यक्रम 12 मई से बैंगलोर में शुरु|
1) क्यों सिकुड़ता जा रहा है चंद्रमा ?
पृथ्वी के एकमात्र और सबसे नज़दीक ग्रह चंद्रमा से, वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा लगातार सिकुड़ता जा रहा है| सोमवार को प्रकाशित नासा के लूनर रीकॉनिसेंस ऑर्बिटर (LRO) द्वारा कैद की गई 12,000 से अधिक तस्वीरों के विश्लेषण के बाद खुलासा किया है कि चंद्रमा पिछले लार्खों वर्षों से धीरे-धीरे लगभग 150 फुट तक सिकुड़ गया है| और इससे उसकी सतह पर झुर्रियां पड़ती जा रही हैं| अध्ययन में ये भी पाया गया है कि चंद्रमा के उत्तरी ध्रुव के पास चंद्र बेसिन ‘मारे फ्रिगोरिस’ में fault line पैदा हो रही है और वो अपनी जगह से खिसकने लगी है जिसकी वजह से चन्द्रमा पर भूकंप आ रहे हैं जिनमें से कुछ की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5 तक आंकी गई है|
2) दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन का दिमाग भारत में बनकर तैयार|
अंतरिक्ष के रहस्यों के सुलझाने के लिए बनाई जा रही इस दूरबीन का ‘दिमाग़’ भारत में बन कर तैयार है । National Centre for Radio Astrophysics (NCRA) के नेतृत्व में भारतीय वैज्ञानिकों ने स्क्वेयर किलोमीटर ऐरे (SKA) टेलिस्कोप प्रॉजेक्ट के टेलिस्कोप मैनेजर को डिजाइन करने का अपना काम पूरा कर लिया है| SKA के लिए काम कर रही कुल 12 अंतरराष्ट्रीय इंजिनियरिंग टीमों में से ये पहली टीम है, जिसने अपने हिस्से का काम पूरा किया है| जानकारी के मुताबिक ये टेलिस्कोप मैनेजर इंसानो के नर्वस सिस्टम की तरह काम करते हुए टेलिस्कोप की कंट्रोलिंग, मॉनिटरिंग और संचालन को देखेगा| बता दें कि SKA अंतरराष्ट्रीय सामूहिक प्रॉजेक्ट है, जिसके तहत Australian desert में विश्व के सबसे बड़े रेडियो टेलिस्कोप को बनाने पर काम चल रहा है।
3) ख़तरनाक ऊंचाई पर पहुंचा हवा में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर|
जलवायु परिवर्तन के खतरे के बीच एक खबर और परेशान कर सकती है| धरती के तापमान को बढ़ा रही कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) गैस का स्तर अब तक की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया है| अमेरिका स्थित हवाई के Mauna Lab Observatory में शनिवार सुबह CO2 का स्तर 415.26 पार्ट्स प्रति मिलियन यानी (पीपीएम) मापा गया| यह पहली बार है, जब कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर इस हद तक बढ़ा है जो पूरी दुनिया के लिए बहुत ही चिंता का विषय है|
4) हिमांचल में मिले 25 करोड़ साल पुराने विशाल पेड़ के अवशेष|
हिमाचल के शिमला से 70 km दूर खड़ापत्थर में लगभग 25 करोड़ साल पुराने विशालकाय पेड़ का अवशेष मिला है| हिमाचल प्रदेश राज्य संग्रहालय शिमला के curator Dr Harish Chauhan के अनुसार पेड़ का ये अवशेष Mesozoic geological era का है| दरअसल Mesozoic geological era वो समय है जब dinosaurs पृथ्वी पर रहा करते थे और ये era लगभग 18 करोड़ वर्ष तक चला था| जानकारी के अनुसार हिमाचल वन विभाग की एक टीम इलाके में पेड़ कटान को लेकर गश्त पर थी, इसी दौरान उन्हें खड़ापत्थर में यह विशालकाय पेड का अवशेष मिला और इस खोज के साथ ही खड़ापत्थर क्षेत्र एक नई पहल के लिए जाना जाएगा।
5) ISRO का युविका कार्यक्रम 12 मई से बैंगलोर में शुरु|
भारत के युवा छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान की ओर प्रेरित करने और उनकी प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से चलाए जा रहे इस कार्यक्रम की शुरूआत 12 मई से बैंगलोर में कर दी गई है| युविका के तहत पुरे देश से चयनित 180 छात्रों को ISRO के चार केन्द्रो पर 13 से 26 मई तक एक course कराया जाएगा| जिसमें पर्यावरण विज्ञान, नवीकरणीय ऊर्जा, खगोल विज्ञान, राकेट अभियांत्रिकी, अंतरिक्ष application और soft skills जैसे विषयों को शामिल किया गया है| इस कार्यक्रम के दौरान छात्रों को ISRO की प्रयोगशालाओं का भी दौरा कराया जाएगा जहाँ छात्र ये देख सकेंगे के ISRO के वैज्ञानिकों की टीम कैसे काम करती है| यही नहीं युविका संवाद के तहत 17 मई को सभी छात्रों को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन केंद्र का दौरा भी कराया जाएगा जहाँ ISRO अध्यक्ष Dr. K. Shivan छात्रों को सम्बोधित करेंगे| Dr. Shivan ने कहा कि ISRO की इस पहल से देश के अंदर अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाने की संभावना है|
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