fbpx
Uncategorized

दिव्यांगजन भी होंगे पठन संस्कृति से लाभान्वित

राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान (दिव्यांगजन) ने 20 नवंबर, 2023 को हस्ताक्षरित दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) के माध्यम से समावेशिता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव के मार्गदर्शन में एनआईईपीवीडी और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, नई दिल्ली ने सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को औपचारिक रूप प्रदान किया है। यह समझौता ज्ञापन देहरादून, उत्तराखंड में रीडिंग के लिए एक यूनिवर्सल डिजाइन सेंटर की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करता है। यह केंद्र भौतिक पुस्तकों, ब्रेल पुस्तकों, ई-पुस्तकों और ऑडियो पुस्तकों सहित विभिन्न सुलभ प्रारूपों में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के प्रकाशनों और सीखने की सामग्री के व्यापक संग्रह का प्रदर्शन करेगा। सहयोग का उद्देश्य दृश्य दिव्यांगजनों के लिए पढ़ने की सामग्री को ज्यादा सुलभ बनाना है, जिससे उनके लिए सीखने और शिक्षा का समान अवसर सुनिश्चित किया जा सकें।

समझौता ज्ञापन पर एनआईईपीवीडी के निदेशक, ईआर. मनीष वर्मा और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के निदेशक, श्री युवराज मलिक ने हस्ताक्षर किया, जो दृश्य दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और उन तक पठन सामग्री की अग्रिम पहुंच की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, एनआईईपीवीडी ने डेज़ी फोरम ऑफ इंडिया (डीएफआई) के साथ हाथ मिलाया है जिससे प्रिंट दिव्यांगजनों के लिए सुलभ पुस्तकों और संबंधित संसाधनों वाली एक ऑनलाइन लाइब्रेरी की सुविधा प्रदान की जा सके। यह सहयोग भारत में प्रिंट दिव्यांगजनों के लिए डिज़ाइन की गई एक ऑनलाइन लाइब्रेरी सुगम्य पुस्तकालय के माध्यम से सुलभ पुस्तकों का निर्माण और प्रसारित करने की एक कोशिश है। लक्षित लोगों की विविध आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए डेज़ी, ई-पब, बीआरएफ और अन्य जैसे विभिन्न सुलभ प्रारूपों को नियोजित किया जाएगा।

समझौता ज्ञापन पर एनआईईपीवीडी के निदेशक, ईआर. मनीष वर्मा और डीएफआई के अध्यक्ष, श्री दीपेंद्र मनोचा ने हस्ताक्षर किया, जो पूरे भारत में प्रिंट दिव्यांगजनों के लिए साहित्य और शैक्षिक संसाधनों तक पहुंच बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान करते हैं।

ये साझेदारी बाधाओं को समाप्त करने और दिव्यांगजनों के लिए एक समावेशी वातावरण का निर्माण करने के लिए भारत सरकार के समर्पण को दर्शाती है और यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी व्यक्ति ज्ञान और शिक्षा प्राप्त करने में पीछे न रहे।

राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान (दिव्यांगजन), देहरादून, दृष्टि दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में काम करने वाला एक प्रमुख संगठन है। अभिनव पहल और साझेदारी के माध्यम से, एनआईईपीवीडी एक समावेशी समाज का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है जो सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करता है।

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक स्वायत्त निकाय, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत किताबों के प्रचार और पठन संस्कृति को विकसित करने के लिए समर्पित है। एनआईईपीवीडी के साथ सहयोग करके, एनबीटी का उद्देश्य अपने विविध संग्रह को व्यापक लोगों विशेष रूप से दृश्य दिव्यांगजनों के लिए के लिए सुलभ बनाना है।

डेज़ी फोरम ऑफ इंडिया देश का एक अग्रणी संगठन है जो प्रिंट दिव्यांगजनों के लिए सुलभ पठन सामग्री की वकालत करता है और यह एनआईईपीवीडी के साथ सहयोग सुलभ साहित्य और शैक्षिक संसाधनों की पहुंच का विस्तार करने के लिए एक संयुक्त कोशिश करता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

You may also like