भारत की जीवनरेखा ‘गंगा नदी‘ साहित्यिक, सांस्कृति और पर्यावरणीय महत्व के कारण जनमानस के जीवन में अहम भूमिका निभाती है। इसीलिए भारत सरकार ने सन् 2008 में गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी घोषित किया। इसके साथ ही गंगा नदी के संरक्षण के लिए नमामि गंगे अभियान चलाया जा रहा है। जन-जन को नदियों के संरक्षण के लिए जागरूक करने के लिए हर वर्ष गंगा उत्सव मनाया जाने लगा है। इसी कड़ी में नई दिल्ली के डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में 4 नवंबर, 2023 को गंगा उत्सव-2023 मनाया गया। जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की सचिव सुश्री देबश्री मुख़र्जी इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थे।
जनमानस में जागरूकता का प्रसार में साहित्य का अहम स्थान है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए गंगा उत्सव-2023 कार्यक्रम में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा प्रकाशित ‘गंगा की यात्रा’ नामक पुस्तक का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक श्री जी अशोक कुमार एवं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के प्रबंधक श्री अमित कुमार सिंह एवं सुश्री कंचन वांचू शर्मा भी उपस्थित थे।
यह पुस्तक, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा आयोजित गंगा पुस्तक परिक्रमा – 2022 की यात्रा के बाद, गंगा नदी के तट पर गंगोत्री से लेकर हल्दिया के मध्य के कुछ चुनिंदा शहरों और कस्बों की कहानियों पर आधारित है । इन कहानियों में चित्रों और कहानी के माध्यम से नदी के संरक्षण, साहित्यिक आधार और सांस्कृतिक जुड़ाव का विवरण दिया गया है। ये कहानियां इस पवित्र नदी के रोमांचक पहलुओं की झलक पेश करते हुए युवा पाठकों को उनसे जोड़ने का प्रयास करती है। गंगा की यात्रा पुस्तक मूल रूप से अंग्रेजी में लिखी गयी ‘वॉयज ऑफ गंगा’ का हिंदी अनुवाद है। इस पुस्तक का हिंदी अनुवाद नवनीत कुमार गुप्ता एवं मोहन शर्मा द्वारा किया गया है।