केंद्र सरकार ने बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) विकास के लिए ज़रूरी पूंजी की ज़रूरत का अध्ययन कराने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसला लिया गया। ये अध्ययन व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) योजना के तहत होगा।
मंजूर की गई योजना में 2030-31 तक चार हजार एमडब्ल्यूएच की बीईएसएस परियोजनाओं के विकास की परिकल्पना की गई है। इसके लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण के तहत बजटीय सहायता के रूप में पूंजीगत लागत का 40 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता शामिल है। सरकार द्वारा उठाए गए पर्यावरण-अनुकूल उपायों की सूची में एक यह अहम कदम है। इससे बैटरी भंडारण प्रणालियों की लागत कम होने और उनकी व्यावहारिकता बढ़ने की उम्मीद है।
बढ़ेगा नवीन ऊर्जा का इस्तेमाल
सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीन ऊर्जा स्रोतों की क्षमता का दोहन करने के लिए बनाई गई इस योजना का उद्देश्य नागरिकों को स्वच्छ, विश्वसनीय और किफायती बिजली प्रदान करना है। 3,760 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता सहित 9,400 करोड़ रुपये के शुरुआती खर्च के साथ बीईएसएस योजना के विकास के लिए वीजीएफ, स्थायी ऊर्जा समाधानों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है।
वीजीएफ समर्थन की पेशकश करके, योजना का लक्ष्य 5.50-6.60 प्रति किलोवाट-घंटा (केडब्ल्यूएच) भंडारण की एक स्तरीय लागत (एलसीओएस) पाना है। इससे देश भर में बिजली की सबसे ज्यादा मांग के प्रबंधन के लिए संग्रहित नवीन ऊर्जा को एक व्यवहारिक विकल्प बनाएगा। वीजीएफ को बीईएसएस परियोजनाओं के कार्यान्वयन के अलग-अलग चरणों से जुड़े पांच किस्तों में प्रदान किया जाएगा।
85 फीसदी फायदा उपभोक्ताओं को
यह पक्का करने के लिए कि योजना का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे, बीईएसएस परियोजना क्षमता का न्यूनतम 85% वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को उपलब्ध कराया जाएगा। यह न सिर्फ बिजली ग्रिड में नवीन ऊर्जा के एकीकरण को बढ़ाएगा, बल्कि ट्रांसमिशन नेटवर्क के इस्तेमाल को बढ़ाते हुए नुकसान को भी कम करेगा। इसके चलते, इससे महंगे बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने की जरूरत कम हो जाएगी।
वीजीएफ अनुदान के लिए बीईएसएस डेवलपर्स का चयन एक पारदर्शी प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिए किया जाएगा। इसमें सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की संस्थाओं के लिए समान अवसर को बढ़ावा मिलेगा। यह दृष्टिकोण स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा और बीईएसएस के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम के विकास को प्रोत्साहित करेगा, जिससे महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित होगा और संबंधित उद्योगों के लिए अवसर पैदा होंगे।
भारत सरकार स्वच्छ और हरित ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और बीईएसएस योजना इस विज़न को हासिल करने की दिशा में एक अहम कदम है। नवीन ऊर्जा की शक्ति का उपयोग करके और बैटरी भंडारण को अपनाने को प्रोत्साहित करके, सरकार का लक्ष्य सभी नागरिकों के लिए एक उज्जवल और हरित भविष्य का निर्माण करना है।