वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) का देश में औद्योगिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के मिशन के साथ स्वदेशी प्रौद्योगिकी संवर्धन, विकास, उपयोग और हस्तांतरण से संबंधित गतिविधियों को पूरा करने का दायित्व है; नए नवाचारों के विकास और उपयोग के लिए एक सक्षम वातावरण बनाएं और नवाचारों को बढ़ाएं। अपने दायित्व के अनुरूप, डीएसआईआर “कॉमन रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट हब (सीआरटीडीएच)” नामक एक कार्यक्रम लागू कर रहा है, जिसका उद्देश्य औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास/नवाचार गतिविधियों के संचालन और सार्वजनिक वित्त पोषित अनुसंधान संस्थानों (पीएफआरआई) में अनुसंधान एवं विकास बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को प्रोत्साहित करना है। यह कार्यक्रम भारत की समग्र अर्थव्यवस्था में एमएसएमई के महत्व को समझता है और इसलिए वैज्ञानिक प्रगति, तकनीकी नवाचार और सामाजिक-आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में अनुसंधान एवं विकास बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करता है।
वर्ष 2014-15 में शुरू किया गया सीआरटीडीएच कार्यक्रम अब देश भर में 18 सीआरटीडीएच के साथ सफल कार्यान्वयन के 10वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। इन सीआरटीडीएच के पास उनसे जुड़े कुछ हितधारकों की सफलता की कहानियों के साथ उल्लेखनीय उपलब्धियां हैं जो वास्तव में “आत्मनिर्भर भारत” के दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रही हैं और “वोकल फॉर लोकल” की गति को मजबूत कर रही हैं। इन अनुकरणीय उपलब्धियों को विभिन्न हितधारकों को प्रदर्शित करने की आवश्यकता है, जिनमें वे हितधारक भी शामिल हैं जो वर्तमान में इन सीआरटीडीएच के नेटवर्क का हिस्सा नहीं हैं। इसको ध्यान में रखते हुए, डीएसआईआर 6-7 नवंबर 2023 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गांधीनगर में डीएसआईआर-सीआरटीडीएच कॉन्क्लेव 2023 का आयोजन किया जा रहा है। सभी 18 सीआरटीडीएच द्वारा इस दो दिवसीय कॉन्क्लेव के दौरान अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शन किया जा रहा है।
इससे अलग-अलग काम करने की समस्या को दूर करने और हितधारकों के एक विशाल समूह के साथ मिलकर काम करने तथा हमारे अप्रयुक्त संसाधनों की विशाल संभावना को पहचानने में मदद मिलेगी। डीएसआईआर द्वारा इस तरह के दो सम्मेलन पहले ही 2019 में सीएसआईआर-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी), हैदराबाद और 2022 में सीएसआईआर- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च, लखनऊ में सफलतापूर्वक आयोजित किए जा चुके हैं।
प्रदर्शनी में विभिन्न सीआरटीडीएच द्वारा विकसित उत्पादों/प्रोटोटाइप के साथ-साथ सीआरटीडीएच में स्थापित इसके संबद्ध एमएसएमई/स्टार्ट-अप को पोस्टर सहित प्रदर्शित किया जा रहा है। प्रदर्शनी न केवल विभिन्न सीआरटीडीएच को सीआरटीडीएच की उपलब्धियों को जानने का अवसर है, बल्कि विभिन्न एमएसएमई/स्टार्ट-अप को अन्य सीआरटीडीएच के साथ, जिनसे वे जुड़े नहीं हैं, बातचीत करने के मौके भी उपलब्ध करा रही है।
दो दिनों के आयोजन के दौरान कुल पांच तकनीकी सत्र आयोजित किए जा रहे हैं पहले दिन तीन सत्र और दूसरे दिन दो सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसमें विभिन्न सीआरटीडीएच और उनसे जुड़े एमएसएमई की चुनौतियों, सीख और सफलता की कहानियों पर विस्तृत विचार-विमर्श होगा। पहले दिन “रासायनिक उद्योग एमएसएमई में नवाचार और प्रौद्योगिकी को अपनाना”, “हेल्थकेयर अन्वेषण को उत्प्रेरित करना: एमएसएमई की भूमिका” और “सशक्त भारत: नवीकरणीय और स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक्स” पर सत्र होंगे, जबकि दूसरे दिन की शुरुआत “एमएसएमई ड्राइविंग लो कॉस्ट मशीनिंग और पर्यावरण नवाचार ” पर सत्र के साथ होगी और “प्रभाव के लिए नवाचार: संभावनाओं की खोज और नए केंद्रों के माध्यम से परिवर्तन लाना” के साथ समाप्त होगा।