भारत ने आज अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में इतिहास रच दिया। इसरो की ओर से प्रक्षेपित किया गया चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की। इसरो ने सफल लैंडिंग के बाद इसकी घोषणा की। एजेंसी ने बताया कि शाम छह बजकर तीन मिनट पर यान चांद की सतह पर उतरा।
वहीं इस मौके पर वर्चुअल तरीके से दक्षिण अफ्रीका से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये क्षण अविस्मरणीय है। ये क्षण नए भार के जयघोष का है। ये क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत चांद के उस हिस्से पर पहुंचा है, जहां अब तक कोई देश नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि ये सफलता हमें चंद्रमा की कक्षाओं से आगे जाएंगे और सौरमंडल की सीमाओं को परखेंगे।
इससे पहले, इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग की घोषणा की। उन्होंने उत्साह भरे शब्दों मे कहा कि हम चांद पर हैं। उन्होंने मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी।
इस लैंडिंग के साथ ही भारत उस क्लब का चौथा देश बन गया है जिसने ये सफलता हासिल की है। वहीं चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला भारत पहला देश बन गया है। आपको बता दें कि चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया था।
इन चीजों की करेगा खोज
यान चंद्रमा की सतह पर प्लाज्मा घनत्व की जांच करेगा। यानी आयनों और इलेक्ट्रॉनों के स्तर और समय के साथ उनमें आ रहे बदलावों का अध्ययन करेगा। साथ ही चंद्रमा की सतह के तापीय गुणों का अध्ययन भी किया जाएगा। इसके अलावा चांद की सतह पर भूकंपीय गतिविधि की जांच भी होगी। अगर भविष्य में चंद्रमा पर इंसानी बस्तियां बसनी है, तो इसके लिए ये जानकारी बहुत महत्वपूर्ण होगी।
मिशन में लगे उपकरण
अल्टीमीटर: लेजर और आरएफ आधारित अल्टीमीटर
वेलोसीमीटर : लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर और लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरा
जड़त्वीय मापन: लेजर गायरो आधारित जड़त्वीय संदर्भ और एक्सेलेरोमीटर पैकेज
प्रणोदन प्रणाली: 800N थ्रॉटलेबल लिक्विड इंजन, 58N एटिट्यूड थ्रस्टर्स और थ्रॉटलेबल इंजन कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक्स
नौवहन, गाइडेंस एंड कंट्रोल (NGC): पावर्ड डिसेंट ट्रैजेक्टरी डिजाइन और सहयोगी सॉफ्टवेयर तत्व
खतरे का पता लगाना और बचाव : लैंडर खतरे का पता लगाना और बचाव कैमरा और प्रसंस्करण एल्गोरिथम
(1) Chandrayaan-3 has successfullysoft-landed on the moon – YouTube