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A career in biotechnology after 12th class.

नमस्कार। न्यूज़ इन साइंस के करियर सेगमेंट में आपका स्वागत है। दोस्तों एक कहावत है कि विनर्स अलग काम नहीं करते बल्कि वो काम को अलग तरीके से करते हैं और ये कहावत बायोटेक्नोलॉजिस्ट और बायोटेक इंजीनियर्स पर बिल्कुल फिट बैठती है। बायोटेक्नोलोजी एक ऐसा विषय है जो दुनिया में बहुत सारे बदलावों को लाने में मददगार है तो आज न्यूज़ इन साइंस के करियर सेगमेंट में आपको बताएंगे इसी विषय यानि की बायोटेक्नोलोजी और इससे जुड़े करियर ऑप्शन्स के बारे में तो चलिए शुरु करते हैं।

WHAT IS BIOTECHNOLOGY?

सबसे पहले बात इस सब्जेक्ट की बायोटेक्नोलोजी को आमतौर पर बायोटेक और हिंदी में जैवप्रौद्योगिकी के नाम से जाना जाता है। ये साइंस की वो ब्रांच या शाखा है जिसमें बायोलोजी और टेक्नोलोजी की मदद से रॉ मटीरियल्स को रोचक इनोवेशन्स , डिस्कवरी और प्रोडक्ट्स में बदला जाता है। 1919 में हंगरी के एग्रीकल्चरल इंजीनियर Karl Ereky ने सबसे पहले बायोटेक्नोलोजी शब्द का इस्तेमाल किया था।

WORK AREA

इस विषय की खास बात ये है कि बैक्टीरिया, यीस्ट या एंजाइम्स जैसे बायोलॉजिकल पदार्थों की बायोटेक की जानकारी प्राप्त करने के बाद, आप इंडस्ट्रियल या मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेसेज से जुड़े कार्य करने के लिए हर एक माइक्रोऑर्गानिज्म को इस्तेमाल कर सकते हैं। एक बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियर ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन लेवल पर किये गए स्पेशलाइजेशन और अपनी रूचि के हिसाब से अलग-अलग फ़ील्ड्स जैसे कि एनिमल हसबेंड्री, एग्रीकल्चर, मेडिसिन, जेनेटिक इंजीनियरिंग, एनवायरनमेंट कन्जर्वेशन, हेल्थकेयर और रिसर्च एंड डेवलपमेंट से जुड़े कार्य कर सकता है

COURSES

बायोटेक्नोलोजी में अपना करियर बनाने के लिए इंटरमिडीएट लेवल की पढ़ाई पूरी करने के बाद इस विषय में आप अलग-अलग कोर्स जैसे कि डिफ्लोमा, ग्रैजुएशन और पोस्टग्रैजुएशन भी कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आप विज्ञान की इस ब्रांच में शामिल विभिन्न बारीकियों का पता लगाना चाहते हैं तो आप इस कोर्स के तहत डॉक्टोरल डिग्री भी हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा किसी एक क्षेत्र में जाने के लिए इस विषय के साथ आप जेनेटिक्स, इम्यूनोलोजी, वाइरोलोजी या फिर बायो-स्टेटिस्टिक्स जैसे विषयों में स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं।

JOBS

बायोटेक्नोलॉजी की फील्ड का विकास तेज़ी से हो रहा है बायोटेक्नोलॉजी में डिप्लोमा/ बीटेक/ एमटेक या डॉक्टोरल डिग्री करने वाले छात्रों के लिए बहुत सारी जॉब्स मौजूद हैं. चाहे वह कोई प्राइवेट सेक्टर हो या कोई गवर्नमेंट जॉब।
बीटेक और एमटेक के बाद आप.. लेबोरेटरी असिस्टेंट, बायोटेक्नोलॉजी एक्सपर्ट, बैक्टीरियोलॉजिस्ट, एम्ब्र्योलॉजिस्ट, जेनेटिसिस्ट, इम्यूनोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, फार्माकोलॉजिस्ट, फ़ूड केमिस्ट या फिर मेडिकल बायोकेमिस्ट जैसी शानदार जॉब्स कर सकते हैं।
ऐसे ही डॉक्टोरल यानि पीएचडी की पढ़ाई करना काफी मुश्किल काम है। लेकिन, एक बार पीएचडी या डॉक्टोरल डिग्री प्राप्त कर लेने के बाद आपको इंडस्ट्री में लीडिंग रोल्स ऑफर किये जाते हैं। जैसे बायोटेक्नोलॉजी रिसर्चर, प्रोसेस इंजीनियर, बायोटेक्नोलॉजी एंड फार्मास्यूटिकल रिसर्च एनालिस्ट, लीड बायोटेक्नोलॉजी कंसलटेंट, रिसर्च साइंटिस्ट, क्वालिटी अश्योरेंस / क्वालिटी कंट्रोल एग्जीक्यूटिव या फिर बायोटेक्नोलॉजी एक्सपर्ट।

भारत में 350 से ज्यादा बायोटेक्नोलॉजिकल कंपनियां हैं और आगे चलकर इनकी संख्या और भी बढ़ने वाली है इसलिए बायोटेक में स्पेशलाइजेशन कोर्स करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

उम्मीद है आज की ये जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर आप और किसी विषय की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो आप हमे वाट्सैप या फिर मेल कर सकते है। इसके साथ साथ आपको हमारा आज का एपिसोड कैसा लगा हमें ये भी ज़रुर बताइए। तो आज के लिए बस इतना ही फिर हाजिर होंगे एक नए विषय के साथ। तब तक के लिए नमस्कार

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