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समृद्धि कॉन्क्लेव नामक डीपटेक स्टार्टअप प्रोत्सााहन अभियान का आईआईटी रोपड़ में उद्घाटन

पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक श्री बनवारीलाल पुरोहित ने कृषि और जल प्रौद्योगिकी में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए समर्पित डीपटेक स्टार्टअप प्रोत्सारहन देने वाले कार्यक्रम का उद्घाटन किया, जिसे समृद्धि (बाजार, अनुसंधान, नवाचार और विकास के लिए रणनीतिक प्रोत्साघहन : आईसीपीएस स्टार्टअप के लिए एक समग्र पहल) कहा जाता है। इसे इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (एनएम-आईसीपीएस) के बारे में राष्ट्रीय मिशन के तहत स्थापित एक प्रौद्योगिकी और नवाचार केंद्र आईहब एडब्यूलि एडीएच द्वारा हॉस्टट किया गया है।
समृद्धि कॉन्क्लेव में पांच रणनीतिक सहयोगों को औपचारिक रूप दिया गया है और इसमें पांच गहन-तकनीकी नवाचारों को शामिल किया गया है। कड़े मूल्यांकन के तहत कुल 13 स्टार्टअप का चयन किया गया है, जिन्होंयने अपने विचार प्रस्तुत किए। 25 स्टार्टअप ने प्रदर्शनी में अपने समाधान प्रदर्शित किए। 30 से अधिक विशेषज्ञों ने बाजार अनुसंधान, नवाचार और विकास के लिए रणनीतिक प्रोत्सा।हन पर चर्चा की।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान बोर्ड के सचिव डॉ. अखिलेश गुप्ता और डीएसटी, भारत सरकार के वरिष्ठ सलाहकार, ने प्रौद्योगिकीय रूप से आत्मनिर्भर भारत को व्यवस्थित करने के लिए एनएमआईसीपीएस द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में प्रतिबद्धता व्यभक्त् की। आईसीपीएस पर एनएम की मिशन निदेशक डॉ. एकता कपूर ने कृषि बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, रक्षा और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सीपीएस प्रौद्योगिकी उपायों के लिए मिशन की मुख्य विशेषताओं के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रोफेसर राजीव आहूजा, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के कुलपति प्रोफेसर रेनू विग, एडब्यूजािशएडीएच के परियोजना निदेशक डॉ. पुष्पेंद्र पाल सिंह और भाषिनी डिजिटल इंडिया के सीईओ श्री अमिताभ नाग भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में एनएमआईसीपीएस के माध्यम से इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के भविष्य को आकार देने के बारे में डीएसटी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। इस मिशन से 311 प्रौद्योगिकियां, 549 प्रौद्योगिकी उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा मिला इसके अलावा इसने 1613 सीपीएस अनुसंधान आधार तैयार किए हैं और 60000 से अधिक सीपीएस कौशल में अपना योगदान दिया है।
आईआईटी रोपड़ के प्रौद्योगिकी और नवाचार हब एडब्यूसीपीएडीएच द्वारा आयोजित इस हब में 46 निवेश भागीदारों ने सहायता प्रदान की और 50 से अधिक जूरी सदस्यों ने स्टार्टअप का मूल्यांकन और मार्गदर्शन किया। देश के 110 से अधिक भागीदारों ने नवाचार और तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में सक्रिय योगदान दिया। इस कार्यक्रम को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के साथ राष्ट्रीय मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (एनएम – आईसीपीएस) के तहत क्रियान्वित किया गया है, जो प्रौद्योगिकी और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए डीएसटी की प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान करता है।

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